नई दिल्लीः हंगामे के बीच दिल्ली नगर निगम की बैठक में सत्ता पक्ष की तरफ से कई प्रस्ताव पास करा लिए गए. जिस पर विपक्षी भाजपा ने सवाल उठाया है. नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर सरदार राजा इकबाल सिंह ने सदन में पास हुए प्रस्तावों को अवैध करार दिया. उन्होंने कहा कि यह नगर निगम के प्रक्रिया एवं संचालन नियमों का खुला उल्लंघन है.
राजा इकबाल सिंह ने बताया कि आम आदमी पार्टी के पास एंजेडे में शामिल प्रस्तावों को पास कराने का पर्याप्त संख्याबल नहीं था. जबकि भाजपा के पार्षदों की संख्या ज्यादा थी. ऐसे में भाजपा कई पार्षदों ने प्रस्तावों पर वोटिंग की मांग की, लेकिन महापौर ने इसे अनदेखा कर दिया और अवैध तरीके से प्रस्तावों को पास कर दिय़ा, जो नियमानुसार पूरी तरह से अवैध है.
सरदार राजा इकबाल सिंह ने बताया कि सदन की बैठक में आप के 81 तो भाजपा के 94 सदस्य मौजूद थे. यानि आज प्रस्तावों पर निर्णय लेने का अधिकार भाजपा के पास था, पर महापौर ने जानबूझकर आप के पास बहुमत न होने के बाद भी प्रस्तावों को पास कराया. नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि निगम के प्रक्रिया एवं संचालन के अनुच्छेद 44 (1) के तहत नियम है कि अगर, चार या उससे अधिक सदस्य किसी भी प्रस्ताव पर महापौर से वोटिंग की मांग करते हैं तो महापौर को वोटिंग करानी होती है. लेकिन, महापौर ने वोटिंग न कराकर एमसीडी एक्ट का उल्लंघन किया.