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AAP के आरोपों पर दिल्ली LG का दावा- 2016 से 2023 तक 22 मंदिरों को गिराने की केजरीवाल सरकार ने दी मंजूरी - DELHI TEMPLE DEMOLITION CONTROVERSY

मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थल को लेकर AAP के आरोपों पर LG सचिवालय ने कहा केजरीवाल ने की थी सिफारिश

मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थल को लेकर AAP के आरोपों पर किया पलटवार
मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थल को लेकर AAP के आरोपों पर किया पलटवार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 2, 2025, 10:42 PM IST

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं की गोलबंदी करने की कोशिश जारी है. बीते दो दिनों से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने राजधानी के अलग-अलग इलाकों में धार्मिक स्थलों को तोड़ने संबंधी आदेश को लेकर एलजी वीके सक्सेना की भूमिका पर सवाल खड़े किए. वहीं, बुधवार को सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यहां तक कहा कि उपराज्यपाल के आदेश पर कई सारे मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़े जाएंगे. अब इस पर एक बार फिर उपराज्यपाल सचिवालय ने आपत्ति दर्ज कराई है.

गुरुवार शाम को एलजी सचिवालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी द्वारा चलाए जा रहे फर्जीवाड़े और सांप्रदायिक स्वरों वाले राजनीतिक खेलों की निंदा की गई है.

केजरीवाल ने नौ मंदिरों को तोड़ने की दी थी मंजूरी: उपराज्यपाल सचिवालय ने आज उन दस्तावेजों को सामने लाया, जिनमें दावा किया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद 8 फरवरी 2023 को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में नौ मंदिरों को ध्वस्त करने की सिफारिश की थी. उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से कहा गया है कि केजरीवाल और तत्कालीन गृहमंत्री मनीष सिसोदिया ने नौ मंदिरों को तोड़ने की धार्मिक समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी. केजरीवाल ने जिन नौ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी, उनमें से सात मंदिर करावल नगर इलाके में स्थित थे, जबकि अन्य दो मंदिर न्यू उस्मानपुर इलाके में थे.

हिंदू धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने की दी थी मंजूरी: उपराज्यपाल सचिवालय के मुताबिक, इससे पहले 23 जून 2016 को दिल्ली के तत्कालीन गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में आठ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी. दस्तावेज़ों के अनुसार, 2016 से 2023 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्रियों द्वारा 22 मंदिरों और सिर्फ दो मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं सहित 24 हिंदू धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने की मंजूरी दी गई थी.

सत्येन्द्र जैन ने धार्मिक समिति की सिफारिशों को किया था खारिज: एलजी कार्यायल द्वारा जारी किए गए बयान में दावा किया गया है कि 17 जुलाई 2017 को, सत्येंद्र जैन ने दो मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं के ध्वस्त करने की सिफारिशों को "धार्मिक भावनाओं और संवेदनाओं" के आधार पर खारिज कर दिया था, इस तथ्य के बावजूद कि केवल सप्ताह में 5-10 व्यक्ति उन मजारों पर जाते थे. मध्य दिल्ली के फिल्मिस्तान सिनेमा से डीसीएम चौक तक ग्रेड सेपरेटर के निर्माण के लिए इन दो मजारों को हटाना महत्वपूर्ण था, जिसके लिए भूमि उत्तरी रेलवे द्वारा एमसीडी को हस्तांतरित कर दी गई थी.

एलजी ने की AAP नेताओं से ये अपील: उपराज्यपाल सचिवालय ने ऊपर प्रस्तुत तथ्यों को देखते हुए लिखा; ''उपराज्यपाल के खिलाफ आरोप लगाने वालों को अपने बयान वापस लेने चाहिए, माफी मांगनी चाहिए.'' इसके साथ ही उपराज्यपाल ने इन लोगों को सस्ती राजनीति में शामिल होने से बचने की अपील की है.

जानिए क्या है पूरा मामला: बता दें कि मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखी थी. उसमें दिल्ली में मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को नहीं तोड़ने की गुजारिश की थी. मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में लिखा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ धार्मिक स्थलों को उपराज्यपाल ने तोड़ने के आदेश दिए हैं. आतिशी ने पत्र में लिखा था कि एलजी साहब के आदेश पर मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश से अलग तरह की परेशानी उत्पन्न हो जाएगी. दिल्ली में कोई भी मंदिर या धार्मिक स्थल न तोड़ा जाए.

ये भी पढ़ें:

  1. अब दिल्ली में मंदिर और बौद्ध धार्मिक स्थल को लेकर CM आतिशी ने LG को लिखी चिट्ठी
  2. दिल्ली की CM आतिशी ने BJP को घेरा, बोलीं- 'LG ने दी मंदिरों को तोड़ने के आदेश की मंजूरी'
  3. BJP-AAP में छिड़ा पोस्टर वॉर, वीरेंद्र सचदेवा ने केजरीवाल को बताया 'चुनावी हिंदू'
  4. LG की आतिशी को चिट्ठी- 'केजरीवाल ने आपको कामचलाऊ CM कहा, मैं आहत हूं'; दिल्ली CM बोलीं- राजनीति न करें

नई दिल्ली: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच अलग-अलग वर्ग के मतदाताओं की गोलबंदी करने की कोशिश जारी है. बीते दो दिनों से दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने राजधानी के अलग-अलग इलाकों में धार्मिक स्थलों को तोड़ने संबंधी आदेश को लेकर एलजी वीके सक्सेना की भूमिका पर सवाल खड़े किए. वहीं, बुधवार को सीएम आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यहां तक कहा कि उपराज्यपाल के आदेश पर कई सारे मंदिरों व अन्य धार्मिक स्थलों को तोड़े जाएंगे. अब इस पर एक बार फिर उपराज्यपाल सचिवालय ने आपत्ति दर्ज कराई है.

गुरुवार शाम को एलजी सचिवालय की तरफ से जारी विज्ञप्ति में आम आदमी पार्टी के नेता और विधायक अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी द्वारा चलाए जा रहे फर्जीवाड़े और सांप्रदायिक स्वरों वाले राजनीतिक खेलों की निंदा की गई है.

केजरीवाल ने नौ मंदिरों को तोड़ने की दी थी मंजूरी: उपराज्यपाल सचिवालय ने आज उन दस्तावेजों को सामने लाया, जिनमें दावा किया गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद 8 फरवरी 2023 को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में नौ मंदिरों को ध्वस्त करने की सिफारिश की थी. उपराज्यपाल सचिवालय की तरफ से कहा गया है कि केजरीवाल और तत्कालीन गृहमंत्री मनीष सिसोदिया ने नौ मंदिरों को तोड़ने की धार्मिक समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी थी. केजरीवाल ने जिन नौ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी, उनमें से सात मंदिर करावल नगर इलाके में स्थित थे, जबकि अन्य दो मंदिर न्यू उस्मानपुर इलाके में थे.

हिंदू धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने की दी थी मंजूरी: उपराज्यपाल सचिवालय के मुताबिक, इससे पहले 23 जून 2016 को दिल्ली के तत्कालीन गृह मंत्री सत्येन्द्र जैन ने भी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में आठ मंदिरों को तोड़ने की मंजूरी दी थी. दस्तावेज़ों के अनुसार, 2016 से 2023 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्रियों द्वारा 22 मंदिरों और सिर्फ दो मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं सहित 24 हिंदू धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने की मंजूरी दी गई थी.

सत्येन्द्र जैन ने धार्मिक समिति की सिफारिशों को किया था खारिज: एलजी कार्यायल द्वारा जारी किए गए बयान में दावा किया गया है कि 17 जुलाई 2017 को, सत्येंद्र जैन ने दो मुस्लिम धार्मिक संरचनाओं के ध्वस्त करने की सिफारिशों को "धार्मिक भावनाओं और संवेदनाओं" के आधार पर खारिज कर दिया था, इस तथ्य के बावजूद कि केवल सप्ताह में 5-10 व्यक्ति उन मजारों पर जाते थे. मध्य दिल्ली के फिल्मिस्तान सिनेमा से डीसीएम चौक तक ग्रेड सेपरेटर के निर्माण के लिए इन दो मजारों को हटाना महत्वपूर्ण था, जिसके लिए भूमि उत्तरी रेलवे द्वारा एमसीडी को हस्तांतरित कर दी गई थी.

एलजी ने की AAP नेताओं से ये अपील: उपराज्यपाल सचिवालय ने ऊपर प्रस्तुत तथ्यों को देखते हुए लिखा; ''उपराज्यपाल के खिलाफ आरोप लगाने वालों को अपने बयान वापस लेने चाहिए, माफी मांगनी चाहिए.'' इसके साथ ही उपराज्यपाल ने इन लोगों को सस्ती राजनीति में शामिल होने से बचने की अपील की है.

जानिए क्या है पूरा मामला: बता दें कि मंगलवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को चिट्ठी लिखी थी. उसमें दिल्ली में मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को नहीं तोड़ने की गुजारिश की थी. मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में लिखा था कि उन्हें जानकारी मिली है कि कुछ धार्मिक स्थलों को उपराज्यपाल ने तोड़ने के आदेश दिए हैं. आतिशी ने पत्र में लिखा था कि एलजी साहब के आदेश पर मंदिरों और बौद्ध धार्मिक स्थलों को तोड़ने के निर्देश से अलग तरह की परेशानी उत्पन्न हो जाएगी. दिल्ली में कोई भी मंदिर या धार्मिक स्थल न तोड़ा जाए.

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