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CM आतिशी ने पेरिस और पैरा ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को किया सम्मानित - PARIS AND PARALYMPICS PLAYERS

मुख्यंमत्री आतिशी द्वारा पांच खिलाड़ियों और एक कोच को पांच लाख रुपये से लेकर दो करोड़ तक के चेक दिए गए.

दिल्ली की मुख्यंमत्री आतिशी
दिल्ली की मुख्यंमत्री आतिशी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 2, 2025, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार लगातार अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रही है. साथ ही ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में मेडल जीतने वाले और भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी कई साल से सम्मानित किया जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले और पदक जीतने वाले दिल्ली के ओलंपिक व पैरालंपिक खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया.

इस दौरान सम्मानित होने वाले पांच खिलाड़ियों और एक कोच में से सिर्फ दो खिलाड़ी ही उपस्थित हो सके. उपस्थित होने वाले दो खिलाड़ियों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले अमन सेहरावत और पैराओलंपिक में एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले शरद कुमार शामिल रहे. वहीं, जूडो की खिलाड़ी तूलिका मान, एथलेटिक्स के खिलाड़ी अमोज जैकब और एथलेटिक्स के ही विकास सिंह नेशनल कैंप में शामिल होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं आ सके. इन तीन खिलाड़ियों और एक कोच की जगह उनके माता-पिता सम्मान समारोह में शामिल हुए. शरद कुमार के कोच जलज कुमार राय किसी अति आवश्यक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के चलते नहीं आ सके. इन खिलाड़ियों के अलावा टोक्यो ओलंपिक 2020 में कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान रवि दहिया भी शामिल हुए.

पांच खिलाड़ियों और एक कोच को दी गई राशि: मुख्यमंत्री आतिशी ने सम्मानित करते हुए शरद कुमार को 2 करोड़, अमन सेहरावत, को एक करोड़, तूलिका मान को 10 लाख, कोच जलज कुमार राय को 10 लाख, विवाह सिंह को 10 लाख और अमोज जैकब को पांच लाख रूपये की धनराशि के चेक वितरित किए. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के स्पोर्ट्स स्कूल के बच्चे भी शामिल रहे. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने खिलाड़ियों से उनसे उनके खेल के अनुभव भी पूछे. साथ ही खेल में आगे बढ़ने के लिए किस तरह से बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है इसके टिप्स भी जाने.

खिलाड़ियों की जीत से देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों का टारगेट होता है ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना. जब मेडल जीतते हैं तो हमारे तिरंगे झंडे के साथ खिलाड़ी पोडियम पर खड़े होते हैं. फिर राष्ट्रगान की धुन के साथ जब धीरे-धीरे हमारा तिरंगा झंडा ऊपर उठना शुरू होता है तो पूरे देश की नजरे आप पर होती हैं. 140 करोड़ देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. उस समय पूरा देश खिलाडियों को एक ही नजर से देख रहा होता है. इस तरह से खेल और खिलाड़ी की देश को एक करने में बड़ी भूमिका होती है.

खिलाड़ियों के लिए नीतियों की कमी: आतिशि ने कहा कि कहीं ना कहीं हमारे मन में यह टीस रह जाती है कि 140 करोड़ आबादी के देश में इतना टैलेंट होने के बाद भी ओलंपिक में हमारे मेडल छोटे देशों से भी बहुत कम रह जाते हैं. इसका कारण एक ही है कि हमारे खिलाड़ियों के लिए नीतियों की कमी है. हमारे यहां भारत में खेल की ट्रेनिंग बहुत महंगी है. इसलिए दिल्ली सरकार ने 10 साल से खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए काफी सहयोग किया है. कई तरह की ट्रेनिंग दिल्ली सरकार के द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. दिल्ली में खेल को बढ़ावा देने के लिए हमने 2 साल पहले दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल की भी स्थापना की है. इस स्पोर्ट्स स्कूल के माध्यम से 10 खेलों की ट्रेनिंग दी जा रही है. कुछ दिन पहले जब मैं दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में आई थी तब बच्चों की शिकायत थी कि हमारे ट्रेनिंग सेशन और बढ़ाए जाएं.

10 साल में 1400 खिलाड़ियों को 31 करोड़ की मदद: मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने भाषण में कहा कि कुछ सालों बाद हमारी भावी पीढ़ी के बच्चों की मेहनत से ओलंपिक में तिरंगा फिर लहराएगा. हमने दिल्ली में प्ले एंड प्रोग्राम स्कीम शुरू की थी, जो चल रही है. वर्ष 2018 से आज तक 1400 खिलाड़ियों को सहायता दी जा चुकी है. मिशन एक्सीलेंस स्कीम की शुरुआत की थी. 2018 से अभी तक में खिलाड़ियों में 25 करोड रुपए खर्च हुए हैं. स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया गया है. कुछ सालों पहले हॉकी के एस्ट्रो टर्फ का उद्घाटन किया तो बताया गया कि हॉकी में मैडल कम इसलिए हो गए क्योंकि विदेशों में हॉकी एस्ट्रो टर्फ पर खेली जाती है. हमारे यहां एस्ट्रो टर्फ के ट्रेंनिंग सेन्टर कम हैं.

पैरा ओलंपिक में एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले शरद कुमार ने कहा कि दिल्ली में खेलों को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारी योजनाएं सरकार ने शुरू की हैं. इन योजनाओं का लाभ लेकर कोई भी बच्चा खेल में आगे बढ़ सकता है. सरकार ने योजना चलाकर अपना काम कर दिया है. आने वाले खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करके अपना काम करना है. शरद कुमार ने कहा कि खिलाड़ियों को अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए. खेल में अच्छा करने के लिए प्रैक्टिस पर ध्यान देना चाहिए. शरद कुमार ने कहा कि मेरी उम्र 33 साल है. इस उम्र में मैं पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत पाना मेरे लिए यह सुकून देने वाला पल था.

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नई दिल्ली: दिल्ली में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार लगातार अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रही है. साथ ही ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में मेडल जीतने वाले और भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी कई साल से सम्मानित किया जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले और पदक जीतने वाले दिल्ली के ओलंपिक व पैरालंपिक खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया.

इस दौरान सम्मानित होने वाले पांच खिलाड़ियों और एक कोच में से सिर्फ दो खिलाड़ी ही उपस्थित हो सके. उपस्थित होने वाले दो खिलाड़ियों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले अमन सेहरावत और पैराओलंपिक में एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले शरद कुमार शामिल रहे. वहीं, जूडो की खिलाड़ी तूलिका मान, एथलेटिक्स के खिलाड़ी अमोज जैकब और एथलेटिक्स के ही विकास सिंह नेशनल कैंप में शामिल होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं आ सके. इन तीन खिलाड़ियों और एक कोच की जगह उनके माता-पिता सम्मान समारोह में शामिल हुए. शरद कुमार के कोच जलज कुमार राय किसी अति आवश्यक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के चलते नहीं आ सके. इन खिलाड़ियों के अलावा टोक्यो ओलंपिक 2020 में कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान रवि दहिया भी शामिल हुए.

पांच खिलाड़ियों और एक कोच को दी गई राशि: मुख्यमंत्री आतिशी ने सम्मानित करते हुए शरद कुमार को 2 करोड़, अमन सेहरावत, को एक करोड़, तूलिका मान को 10 लाख, कोच जलज कुमार राय को 10 लाख, विवाह सिंह को 10 लाख और अमोज जैकब को पांच लाख रूपये की धनराशि के चेक वितरित किए. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के स्पोर्ट्स स्कूल के बच्चे भी शामिल रहे. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने खिलाड़ियों से उनसे उनके खेल के अनुभव भी पूछे. साथ ही खेल में आगे बढ़ने के लिए किस तरह से बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है इसके टिप्स भी जाने.

खिलाड़ियों की जीत से देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता: कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों का टारगेट होता है ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना. जब मेडल जीतते हैं तो हमारे तिरंगे झंडे के साथ खिलाड़ी पोडियम पर खड़े होते हैं. फिर राष्ट्रगान की धुन के साथ जब धीरे-धीरे हमारा तिरंगा झंडा ऊपर उठना शुरू होता है तो पूरे देश की नजरे आप पर होती हैं. 140 करोड़ देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. उस समय पूरा देश खिलाडियों को एक ही नजर से देख रहा होता है. इस तरह से खेल और खिलाड़ी की देश को एक करने में बड़ी भूमिका होती है.

खिलाड़ियों के लिए नीतियों की कमी: आतिशि ने कहा कि कहीं ना कहीं हमारे मन में यह टीस रह जाती है कि 140 करोड़ आबादी के देश में इतना टैलेंट होने के बाद भी ओलंपिक में हमारे मेडल छोटे देशों से भी बहुत कम रह जाते हैं. इसका कारण एक ही है कि हमारे खिलाड़ियों के लिए नीतियों की कमी है. हमारे यहां भारत में खेल की ट्रेनिंग बहुत महंगी है. इसलिए दिल्ली सरकार ने 10 साल से खेल और खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए काफी सहयोग किया है. कई तरह की ट्रेनिंग दिल्ली सरकार के द्वारा निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. दिल्ली में खेल को बढ़ावा देने के लिए हमने 2 साल पहले दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल की भी स्थापना की है. इस स्पोर्ट्स स्कूल के माध्यम से 10 खेलों की ट्रेनिंग दी जा रही है. कुछ दिन पहले जब मैं दिल्ली स्पोर्ट्स स्कूल में आई थी तब बच्चों की शिकायत थी कि हमारे ट्रेनिंग सेशन और बढ़ाए जाएं.

10 साल में 1400 खिलाड़ियों को 31 करोड़ की मदद: मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने भाषण में कहा कि कुछ सालों बाद हमारी भावी पीढ़ी के बच्चों की मेहनत से ओलंपिक में तिरंगा फिर लहराएगा. हमने दिल्ली में प्ले एंड प्रोग्राम स्कीम शुरू की थी, जो चल रही है. वर्ष 2018 से आज तक 1400 खिलाड़ियों को सहायता दी जा चुकी है. मिशन एक्सीलेंस स्कीम की शुरुआत की थी. 2018 से अभी तक में खिलाड़ियों में 25 करोड रुपए खर्च हुए हैं. स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया गया है. कुछ सालों पहले हॉकी के एस्ट्रो टर्फ का उद्घाटन किया तो बताया गया कि हॉकी में मैडल कम इसलिए हो गए क्योंकि विदेशों में हॉकी एस्ट्रो टर्फ पर खेली जाती है. हमारे यहां एस्ट्रो टर्फ के ट्रेंनिंग सेन्टर कम हैं.

पैरा ओलंपिक में एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले शरद कुमार ने कहा कि दिल्ली में खेलों को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारी योजनाएं सरकार ने शुरू की हैं. इन योजनाओं का लाभ लेकर कोई भी बच्चा खेल में आगे बढ़ सकता है. सरकार ने योजना चलाकर अपना काम कर दिया है. आने वाले खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करके अपना काम करना है. शरद कुमार ने कहा कि खिलाड़ियों को अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए. खेल में अच्छा करने के लिए प्रैक्टिस पर ध्यान देना चाहिए. शरद कुमार ने कहा कि मेरी उम्र 33 साल है. इस उम्र में मैं पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीत पाना मेरे लिए यह सुकून देने वाला पल था.

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