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दिल्ली से श्रीनगर चलेगी वंदे भारत, पीएम मोदी 6 जनवरी को करेंगे नए डिवीजन का उद्धाटन - KASHMIR RAILWAY

जम्मू में डीआरएम आफिस खोले जाने से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और पंजाब के पठानकोट क्षेत्र की फिरोजपुर डिवीजन पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. पढ़िए ईटीवी भारत के संवाददाता आमिर तांत्रे की रिपोर्ट ...

Trial run of goods train completed on Katra-Riyasi rail section
कटरा-रियासी रेल सेक्शन पर मालगाड़ी ट्रेन का ट्रायल रन पूरा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 1, 2025, 4:55 PM IST

जम्मू: दिल्ली से कश्मीर के लिए सीधी ट्रेन के हकीकत बनने के साथ ही भारत सरकार जम्मू को एक नया रेलवे डिवीजन देने की तैयारी कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) के कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. इससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के पठानकोट क्षेत्र की फिरोजपुर डिवीजन पर निर्भरता खत्म हो जाएगी.

इस बारे में जम्मू के अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (ADRM) राजीव कुमार सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्षेत्र के बाहर एक समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू के सांसद जुगल किशोर शर्मा और अन्य लोग शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक समारोह में करीब 4000 से 5000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

एडीआरएम ने कहा, "रेलवे से जुड़े सभी फैसले डिवीजनल स्तर पर लिए जाते हैं और पहले जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पठानकोट के लोगों को इसके लिए फिरोजपुर जाना पड़ता था। लेकिन अब डिवीजन का सारा काम यहीं से होगा." दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, मुरादाबाद और फिरोजपुर के बाद जम्मू उत्तर रेलवे जोन का छठा रेलवे डिवीजन होगा.

रेलवे डिवीजन रेलवे जोन के अंतर्गत काम करता है और पूरे भारत में 19 जोन हैं. ये डिवीजन एक डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) द्वारा चलाया जाता है. डीआरएम डिवीजन के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता है और उसे अपने जोन के महाप्रबंधक को रिपोर्ट करना होता है. उद्घाटन के बाद जम्मू रेलवे स्टेशन को भी नया रूप मिलेगा और जम्मू रेलवे स्टेशन की प्लेटफॉर्म क्षमता को तीन से बढ़ाकर सात करने का काम पहले से ही चल रहा है. राजीव कुमार सिंह ने कहा, "सभी मौजूदा इमारतों को तोड़ दिया जाएगा और यहां नया बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा."

तीन नई ट्रेनें जल्द ही शुरू होंगी
इस बीच, उत्तरी रेलवे ने सर्दियों के लिए कश्मीर घाटी के लिए एक ट्रेन संचालन योजना जारी की है, जिसमें उन्होंने श्री वैष्णो देवी कटरा (एसवीडीके) से श्रीनगर तक तीन नई ट्रेनें शामिल की हैं. इसमें एक वंदे भारत ट्रेन और दो मेल एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं जो प्रतिदिन चलेंगी.

उत्तरी रेलवे द्वारा जारी चार्ट के अनुसार, वंदे भारत ट्रेन कटरा से सुबह 8:10 बजे रवाना होगी और 11:20 बजे श्रीनगर पहुंचेगी. वहीं मेल एक्सप्रेस ट्रेन कटरा से सुबह 9:50 बजे रवाना होगी और दोपहर 1:10 बजे श्रीनगर पहुंचेगी और एक अन्य मेल एक्सप्रेस ट्रेन कटरा से दोपहर 3 बजे रवाना होगी और शाम 6:20 बजे श्रीनगर पहुंचेगी.

हालांकि चार्ट जारी कर दिया गया है, लेकिन कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा शुरू करने की कोई अंतिम तिथि अभी तक नहीं बताई गई है. एक कदम और आगे बढ़ने के लिए जल्द ही कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CRS) का एक और दौरा होगा. एडीआरएम जम्मू ने कहा, "सीआरएस का कटरा दौरा 6 और 7 जनवरी को होने की उम्मीद है और कश्मीर के लिए ट्रेन चलाने का कोई भी निर्णय उसी पर निर्भर करेगा."

जम्मू-कश्मीर में ट्रेन का इतिहास
पहले उधमपुर और फिर कटरा तक रेल सेवा शुरू होने के बाद से जम्मू ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. 1947 से पहले अविभाजित भारत में जम्मू और सियालकोट के बीच सीधी रेल सेवा थी, जो 1890 में शुरू हुई थी, लेकिन 1947 में देश के बंटवारे के बाद रेल सेवा बंद हो गई. 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद पंजाब के पठानकोट से जम्मू की ओर रेल सेवा पर काम शुरू हुआ और 1972 में यह शुरू हुई.

जम्मू के लिए पहली ट्रेन श्रीनगर एक्सप्रेस के नाम से शुरू हुई थी, जिसे अब झेलम एक्सप्रेस कहा जाता है और उसके बाद से शीतकालीन राजधानी में अन्य ट्रेनें भी आने लगीं. इनमें सबसे नई ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसके राष्ट्रीय राजधानी से सीधे कश्मीर जाने वाली पहली ट्रेन बनने की उम्मीद है. 1981 में जम्मू से उधमपुर रेल परियोजना शुरू की गई, लेकिन इसकी आधारशिला 14 अप्रैल 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी.

कई समय सीमाएं बीत जाने के बाद 13 अप्रैल 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उधमपुर के लिए रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई, जो उत्तरी कमान का मुख्यालय भी है. इसके बाद कश्मीर घाटी में रेलगाड़ियां चलने लगीं और 11 अक्टूबर 2009 से विभिन्न खंडों पर स्थानीय रेल सेवा शुरू की गई तथा 4 जुलाई 2014 को माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा के लिए सीधी रेल सेवा भी शुरू की गई, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

ये भी पढ़ें- कटरा रोपवे विरोध: हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी होंगे रिहा, संघर्ष समिति के साथ बातचीत करेगा पैनल

जम्मू: दिल्ली से कश्मीर के लिए सीधी ट्रेन के हकीकत बनने के साथ ही भारत सरकार जम्मू को एक नया रेलवे डिवीजन देने की तैयारी कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जनवरी को डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) के कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे. इससे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के पठानकोट क्षेत्र की फिरोजपुर डिवीजन पर निर्भरता खत्म हो जाएगी.

इस बारे में जम्मू के अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (ADRM) राजीव कुमार सिंह ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि जम्मू रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्षेत्र के बाहर एक समारोह आयोजित किया जाएगा जिसमें प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जम्मू के सांसद जुगल किशोर शर्मा और अन्य लोग शामिल होंगे. उन्होंने बताया कि इस ऐतिहासिक समारोह में करीब 4000 से 5000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.

एडीआरएम ने कहा, "रेलवे से जुड़े सभी फैसले डिवीजनल स्तर पर लिए जाते हैं और पहले जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पठानकोट के लोगों को इसके लिए फिरोजपुर जाना पड़ता था। लेकिन अब डिवीजन का सारा काम यहीं से होगा." दिल्ली, अंबाला, लखनऊ, मुरादाबाद और फिरोजपुर के बाद जम्मू उत्तर रेलवे जोन का छठा रेलवे डिवीजन होगा.

रेलवे डिवीजन रेलवे जोन के अंतर्गत काम करता है और पूरे भारत में 19 जोन हैं. ये डिवीजन एक डिवीजनल रेलवे मैनेजर (DRM) द्वारा चलाया जाता है. डीआरएम डिवीजन के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार होता है और उसे अपने जोन के महाप्रबंधक को रिपोर्ट करना होता है. उद्घाटन के बाद जम्मू रेलवे स्टेशन को भी नया रूप मिलेगा और जम्मू रेलवे स्टेशन की प्लेटफॉर्म क्षमता को तीन से बढ़ाकर सात करने का काम पहले से ही चल रहा है. राजीव कुमार सिंह ने कहा, "सभी मौजूदा इमारतों को तोड़ दिया जाएगा और यहां नया बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा."

तीन नई ट्रेनें जल्द ही शुरू होंगी
इस बीच, उत्तरी रेलवे ने सर्दियों के लिए कश्मीर घाटी के लिए एक ट्रेन संचालन योजना जारी की है, जिसमें उन्होंने श्री वैष्णो देवी कटरा (एसवीडीके) से श्रीनगर तक तीन नई ट्रेनें शामिल की हैं. इसमें एक वंदे भारत ट्रेन और दो मेल एक्सप्रेस ट्रेनें शामिल हैं जो प्रतिदिन चलेंगी.

उत्तरी रेलवे द्वारा जारी चार्ट के अनुसार, वंदे भारत ट्रेन कटरा से सुबह 8:10 बजे रवाना होगी और 11:20 बजे श्रीनगर पहुंचेगी. वहीं मेल एक्सप्रेस ट्रेन कटरा से सुबह 9:50 बजे रवाना होगी और दोपहर 1:10 बजे श्रीनगर पहुंचेगी और एक अन्य मेल एक्सप्रेस ट्रेन कटरा से दोपहर 3 बजे रवाना होगी और शाम 6:20 बजे श्रीनगर पहुंचेगी.

हालांकि चार्ट जारी कर दिया गया है, लेकिन कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा शुरू करने की कोई अंतिम तिथि अभी तक नहीं बताई गई है. एक कदम और आगे बढ़ने के लिए जल्द ही कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (CRS) का एक और दौरा होगा. एडीआरएम जम्मू ने कहा, "सीआरएस का कटरा दौरा 6 और 7 जनवरी को होने की उम्मीद है और कश्मीर के लिए ट्रेन चलाने का कोई भी निर्णय उसी पर निर्भर करेगा."

जम्मू-कश्मीर में ट्रेन का इतिहास
पहले उधमपुर और फिर कटरा तक रेल सेवा शुरू होने के बाद से जम्मू ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. 1947 से पहले अविभाजित भारत में जम्मू और सियालकोट के बीच सीधी रेल सेवा थी, जो 1890 में शुरू हुई थी, लेकिन 1947 में देश के बंटवारे के बाद रेल सेवा बंद हो गई. 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद पंजाब के पठानकोट से जम्मू की ओर रेल सेवा पर काम शुरू हुआ और 1972 में यह शुरू हुई.

जम्मू के लिए पहली ट्रेन श्रीनगर एक्सप्रेस के नाम से शुरू हुई थी, जिसे अब झेलम एक्सप्रेस कहा जाता है और उसके बाद से शीतकालीन राजधानी में अन्य ट्रेनें भी आने लगीं. इनमें सबसे नई ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस है, जिसके राष्ट्रीय राजधानी से सीधे कश्मीर जाने वाली पहली ट्रेन बनने की उम्मीद है. 1981 में जम्मू से उधमपुर रेल परियोजना शुरू की गई, लेकिन इसकी आधारशिला 14 अप्रैल 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने रखी थी.

कई समय सीमाएं बीत जाने के बाद 13 अप्रैल 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उधमपुर के लिए रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई, जो उत्तरी कमान का मुख्यालय भी है. इसके बाद कश्मीर घाटी में रेलगाड़ियां चलने लगीं और 11 अक्टूबर 2009 से विभिन्न खंडों पर स्थानीय रेल सेवा शुरू की गई तथा 4 जुलाई 2014 को माता वैष्णो देवी मंदिर के आधार शिविर कटरा के लिए सीधी रेल सेवा भी शुरू की गई, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

ये भी पढ़ें- कटरा रोपवे विरोध: हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारी होंगे रिहा, संघर्ष समिति के साथ बातचीत करेगा पैनल

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