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लोकसभा चुनाव से पहले चार दर्जन नेताओं का खुलेगा किस्मत का ताला, मंत्री से लेकर कई पदों पर स्कोप - एनडीए नेताओं की किस्मत

बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद चार दर्जन नेताओं की किस्मत चमकने वाली है. इसके लिए मंत्री से लेकर निगम अध्यक्ष तक की कुर्सी पर नेताओं की नजरें गड़ गईं हैं. ऐसे में देखना है कि किसपर पार्टी मेहरबान होती है? पढ़ें पूरी खबर-

Lok Sabha election 2024
Lok Sabha election 2024

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 26, 2024, 12:48 PM IST

पटना : बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से बनी एनडीए की सरकार के बाद एनडीए के कई नेताओं का किस्मत खुलने वाली है. क्योंकि इन्हें मंत्रिमंडल से लेकर लोकसभा चुनाव और विधान परिषद के चुनाव के अलावा बोर्ड निगम में भी जगह मिलेगी. ऐसे में आने वाला कुछ दिन एनडीए नेताओं के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है.

चमकने वाली है एनडीए नेताओं की किस्मत : भाजपा, जदयू और एनडीए के घटक दलों के चार दर्जन नेताओं से अधिक की किस्मत खुलने वाली है. फिलहाल विधानसभा अध्यक्ष के रूप में बीजेपी के नंदकिशोर यादव को, विधानसभा के उपाध्यक्ष के रूप में जदयू के नरेंद्र नारायण यादव को, राज्यसभा की तीन सीट पर जदयू से संजय झा को, बीजेपी से भीम सिंह और धर्मशिला गुप्ता को और 8 मंत्रियों बीजेपी से सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, प्रेम कुमार, जदयू से बिजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी, श्रवण कुमार, हम से संतोष सुमन और निर्दलीय सुमित कुमार सिंह की किस्मत खुली है.

अभी केवल 8 मंत्रियों ने ही शपथ ली है : बिहार में 243 विधायकों के हिसाब से 35 मंत्री बनाये जा सकते हैं. ऐसे में 26 मंत्री और नीतीश सरकार बना सकती है. विधानसभा और विधान परिषद में सत्ता दल के मुख्य सचेतक और उप सचेतक मनाया जाना है. चार नेताओं को मौका मिलेगा, इसके साथ 11 विधान परिषद के सीटों पर मार्च में चुनाव होना है. 6 सीट एनडीए को मिलेगी. एनडीए की तरफ से कुछ को रिपीट किया जा सकता है, लेकिन कुछ नए लोगों को भी मौका मिलेगा.

इन पदों पर भी नजर: साथ ही विधान परिषद के उपाध्यक्ष अभी आरजेडी कोटे से हैं. रामचंद्र पूर्वे का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है. तो एक उपाध्यक्ष बनाने का भी मौका मिलेगा. यदि सभापति देवेश चंद ठाकुर सीतामढ़ी से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा तो सभापति बनने का भी मौका मिल सकता है. बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष फिलहाल सम्राट चौधरी हैं, लेकिन जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन होना है, तो बीजेपी से एक नेता को इस पद पर मौका मिल सकता है.

पार्टी नेताओं को मिलेगी कुर्सी: इसके अलावा विभिन्न बोर्ड निगम में भी कई नेताओं को मौका मिलेगा. सरकार बदलने के बाद कुछ बोर्ड निगम को भंग भी किया गया है. 20 सूत्री का यदि फिर से गठन होता है तो उसमें भी कई नेताओं को मौका मिल सकता है. बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार होने पर जदयू के 11 मंत्रियों में से अधिकांश पुराने मंत्रियों को मौका मिलना तय माना जा रहा है. तो वहीं भाजपा में 15 मंत्री बनने का फिर से नेता को मौका मिलने वाला है.

सभी नेताओं की हलचल पर नजर: दोनों तरफ के नेता उम्मीद लगाए हुए हैं, हालांकि इंतजार थोड़ा लंबा हो रहा है. संभव है एक मार्च को मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाए. सचेतक और उप सचेतक पर भी जल्द ही फैसला हो जाएगा. कोई निगम बोर्ड पर भी कई नेता नजर गड़ाए हुए हैं. महागठबंधन की सरकार बनी थी तो बोर्ड निगम का गठन किया गया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद कई को भंग कर दिया गया है. हालांकि कई अभी भी काम कर रहे हैं.

नेताओं ने शुरू किया प्रयास : जदयू और बीजेपी के साथ एनडीए गठबंधन के घटक दल के कई नेता उम्मीद लगाए हुए हैं. नेताओं की तरफ से प्रयास भी हो रहा है. इसका उदाहरण महेश्वर हजारी हैं. जिन्होंने विधानसभा उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. इनकी मंत्री बनने की चर्चा है. दूसरे नेता भी नेतृत्व के पास जहां तक पहुंच सकते हैं वहां जाकर कोशिश कर रहे हैं. अब देखना है नेताओं की किस्मत कब खुलती है.

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