सीकर : जिले के खंडेला थाना इलाके के एक व्यक्ति ने उसको सोने की चेन व चांदी के सिक्के दिखाकर उसके साथ 5 लाख की ठगी करने का मुकदमा दर्ज करवाया है. थानाधिकारी मांगीलाल ने बताया कि चौकड़ी निवासी हरफूल जाट ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है कि 18 नवंबर को वह अपनी बीमार लड़की को दिखाने के लिए खंडेला अस्पताल गया था. जब वह पंचायत समिति के सामने खड़ा था तो वहां एक लंगड़ाता हुआ युवक उसके पास आया. उसकी भाषा मेवाती भरतपुर की लग रही थी और उम्र करीब 30 वर्ष थी. उस युवक ने उसे चांदी का सिक्का दिखाया और कहा कि इसकी जानकारी कहां मिलेगी. पीड़ित ने कहा कि इसकी जानकारी तो जयपुर में मिल सकती है. पूछने पर युवक ने अपना नाम गोपाल बताया.
15 लाख का सामान 5 लाख में देने के लिए राजी :इसके बाद आरोपी ने उसे एक सोने जैसी चेन दिखाई और पीड़ित से कहा कि यह उसे टावर की खुदाई में मिली थी. इन्हें वह बेचना चाहता है. आरोपी ने उस चेन में से दो मणिये पीड़ित को तोड़ कर दे दिए और कहा कि इसकी जांच करवा लो. जब पीड़ित ने उन दो मणियों को चेक करवाया तो वह असली निकले. तब पीड़ित ने उससे पूछा कि वह सामान कितने में देगा. इस पर आरोपी ने कहा कि यह सारा सामान 15 लाख का है, लेकिन 7 लाख में दे देगा. पीड़ित लालच में आ गया और कहा कि वह इन सबके उसको 5 लाख दे सकता है. इस पर आरोपी मान गया और 50 हजार नकद लेकर बाकी रुपए बाद में देने की बात कही.
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इसके बाद आरोपी ने उसी रात 8 बजे फोन करके कहा कि वो रींगस आ जाएं. पीड़ित और उसकी लड़की ने रींगस जाकर युवक को फोन किया तो उसने कहा कि वह खाटू पुलिया के पास आ जाएं. जब पीड़ित वहां गया और फोन किया तो उसने कहा कि वह बीकानेर बाईपास आ जाएं. इसके बाद वह वहां भी पहुंचे और फोन किया तो आरोपी का फोन बंद मिला. इसके बाद एक अन्य युवक उनके पास आया और आरोपी को अपना जीजा बताया. उस लड़के की आयु करीब 20-25 वर्ष थी और उसकी भाषा भी मेवाती भरतपुर की लग रही थी.
इसके बाद उसने पीड़ित का फोन लेकर आरोपी को कॉल किया तो उसने फोन उठाया और बोला कि वह आ रहा है, लेकिन वह वहां पर नहीं आया. इसके बाद पीड़ित अपनी बेटी के साथ अपने घर वापस आ गया. 19 नवंबर को उसके पास फोन आया और आरोपी ने पैसों को लेकर पूछा. इसके 2 दिन बाद पीड़ित के पास 21 नवंबर को आरोपी का फोन आया कि वह टावर की खुदाई के लिए चौमूं आ गया है, वह भी चौमूं ही आ जाएं. इसके बाद पीड़ित 21 नवंबर को ही चौमूं चला गया. वहां मार्केट में दोनों आरोपी मिले तो पीड़ित ने उन्हें 4 लाख 50 हजार रुपए और दे दिए. इस तरह पीड़ित ने आरोपियों को 5 लाख रुपए दे दिए. आरोपी ने पीड़ित को चेन दे दी. पीड़ित चैन लेकर अपने घर आ गया. घर आकर पीड़ित ने उस चेन की फिर से जांच करवाई तो वह नकली निकली. फिर उसने आरोपी को फोन किया तो उसका फोन बंद मिला. इसके बाद उसने पुलिस थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है.