भोपाल।मध्य प्रदेश में इस बार किसानों से गेंहू की खरीदी पिछले 5 वर्षों की अपेक्षा सबसे कम हुई है. इसके बावजूद गरीबों को बंटने वाले राशन में मोहन यादव सरकार इसकी कमी नहीं आने देगी बल्कि पीडीएस वितरण में गेंहू की मात्रा और बढ़ाई जाएगी. दरअसल अब तक सरकार पीडीएस सिस्टम के तहत 75 प्रतिशत चावल और 25 प्रतिशत गेंहू का वितरण करवा रही थी लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. वर्तमान में 60 प्रतिशत चावल और 40 प्रतिशत गेंहू दिया जा रहा है. अब जल्द ही सरकार पीडीएस वितरण में 50-50 का फार्मूला लागू करने वाली है, यानि कि पीडीएस वितरण प्रणाली के तहत गरीब परिवारों को 50 प्रतिशत चावल और 50 प्रतिशत गेंहू देने की योजना बना रही है.
एमपी में 48 मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी
इस बार बाजार में गेंहू के भाव अधिक मिलने और उपार्जन केंद्रों पर भीड़ अधिक होने की वजह से किसानों ने सरकार को गेंहू कम बेचा. जिससे पिछले 5 वर्षों की अपेक्षा इस बार गेंहू की खरीदी बहुत कम हुई है. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के आंकड़ों के अनुसार इस साल 48 लाख मीट्रिक टन गेंहू की खरीदी हुई है. हांलाकि सरकार के पास वर्तमान में 55 लाख मीट्रिक टन गेंहू का स्टाक है. ऐसे में पीडीएस के लिए बंटने वाले गेंहू के लिए पर्याप्त स्टाक है.
15 जिलों में एफसीआई को नहीं देगा गेंहू
एमपी में गेंहू की कम खरीदी होने की वजह से राज्य नागरिक आपूर्ति निगम यानि नान ने भारतीय खाद्य निगम को 15 जिलों में गेंहू नहीं देने का फैसला लिया है. दरअसल इन जिलों में गेंहू की उतनी ही खरीदी हुई है, जितना कि उन क्षेत्रों में पीडीएस में गेंहू वितरण किया जाता है. ऐसे में एमपी सरकार ने शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, दतिया, श्योपुर, भिंड, नीमच, मंदसौर, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, बुरहानपुर, धार और मुरैना जिलों में एफसीआई को गेंहू देने से मना कर दिया है.