कोटा: नीट यूजी परीक्षा के परिणाम के आधार पर मेडिकल काउंसलिंग जारी है, जिसमें सेंट्रल 15 फीसदी और स्टेट 85 फीसदी कोटे की काउंसलिंग अलग-अलग हो रही है. प्रदेश में भी राजस्थान मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड के जरिए 5204 मेडिकल सीटों पर काउंसलिंग स्टेट कोटे के जरिए हो रही है. जबकि राजस्थान की शेष सीटों पर के 15 फीसदी कोटे के आधार पर काउंसलिंग हो रही है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि राजस्थान के 26 मेडिकल कॉलेज में जहां पर 3254 एमबीबीएस की सीटें हैं, यह सीटें करीब स्टेट कोटा के तहत 60 फीसदी हैं, लेकिन इनमें से केवल 40 फीसदी यानी 2070 पर ही कम फीस पर एडमिशन होता है. जबकि इन्हीं कॉलेज में 799 मैनेजमेंट सीटें है, जिन पर आठ गुना ज्यादा फीस पर एडमिशन होता है. वहीं, 385 एनआरआई सीटें कोटा की हैं, जिनमें सरकारी फीस से करीब 20 गुना ज्यादा फीस पर एडमिशन होता है. एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि इससे साफ है कि 2070 सीटें यानी 60 फीसदी पर ही हजारों रुपये सालाना फीस है. एमबीबीएस की पूरी ट्यूशन फीस 3 लाख के आसपास ही होती है, जबकि शेष 1184 सीटें यानी 40 फीसदी पर पूरी एमबीबीएस की फीस 40 लाख से 1.10 करोड़ रुपये तक है.
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हर साल 10 फीसदी बढ़ती है फीस : पाली मेडिकल कॉलेज के शरीर रचना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप सिंह ने बताया कि सरकारी सीट पर ट्यूशन फीस करीब 63 हजार रुपये सालाना के आसपास है, जबकि मैनेजमेंट सीट पर यह 8.65 लाख रुपये के करीब है. इसी तरह से एनआरआई सीट पर पूरी एमबीबीएस की फीस 1.10 करोड़ के आसपास है. इसके साथ ही हर साल 10 फीसदी फीस बढ़ाने का भी नियम है, जिसके तहत पिछले साल की फीस से 10 प्रतिशत हर साल बढ़ा दी जाती है.
राजस्थान में स्टेट काउंसलिंग से जुड़े आंकड़े, पार्ट-1 (ETV Bharat GFX) केवल झुंझुनू जुड़ा है नया सरकारी कॉलेज, 50 सीटों से शुरुआत : देव शर्मा ने बताया कि इस साल सरकारी सीट में झुंझुनू मेडिकल कॉलेज नया जुड़ा है, जिसमें 50 सीटें हैं, जिनमें से आठ सीटें यानी 15 फीसदी केंद्रीय कोटे के जरिए भरी जाएंगी. शेष 42 को राजस्थान मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड की काउंसलिंग से भरा जाना है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में ईएसआईसी अलवर, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर, जेएलएन अजमेर, आरएनटी उदयपुर, आरयुएसएच व एसएमएस जयपुर, एसपी मेडिकल कॉलेज बीकानेर, गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज चूरू, डूंगरपुर, भीलवाड़ा, पाली, बाड़मेर, कोटा, झालावाड़, सीकर, भरतपुर, धौलपुर, चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, सिरोही, दौसा, हनुमानगढ़, करौली, अलवर, बूंदी और झुंझुनू शामिल किए गए हैं. सभी में मेडिकल कॉलेज में 3254 सीटें हैं.
राजस्थान में स्टेट काउंसलिंग से जुड़े आंकड़े, पार्ट-2 (ETV Bharat GFX) गीतांजलि की एक सीट पर सरकारी फीस में एडमिशन : प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की बात की जाए तो प्रदेश में 11 मेडिकल कॉलेज में 1950 सीटें हैं, इनमें एक सीट गीतांजलि उदयपुर की सरकारी फीस वाली है. जयपुर में जेएनयू, महात्मा गांधी, निम्स, उदयपुर में पैसिफिक इंस्टिट्यूट, अमेरिकन, अनंता, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज, गीतांजलि व श्री गंगानगर में डॉ. एसएस टाटिया है. वहीं, इस साल कोटा में सुधा और जोधपुर में व्यास मेडिकल कॉलेज को मान्यता मिली है. उदयपुर में गीतांजलि मेडिकल कॉलेज में 250 सीटें हैं, लेकिन एक सीट पर सरकारी फीस यानी करीब 65000 ट्यूशन फीस के आसपास पर एडमिशन होता है. जबकि शेष पर फीस करीब 1 करोड़ के आसपास है.