सदाकत आश्रम में मिलन समारोह पटनाःचुनाव के समय दलबदल का खेल कोई नया नहीं है लेकिन कांग्रेस ने शुक्रवार को जेडीयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश कैबिनेट के मंत्री महेश्वर हजारीके साथ ही खेला कर दिया. दरअसल महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया. वहीं बीजेपी के पूर्व विधायक अनिल कुमार ने भी बीजेपी को बाय-बाय बोल दिया और कांग्रेस ज्वाइन कर ली.
सदाकत आश्रम में मिलन समारोहःपटना के प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित मिलन समारोह में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सन्नी हजारी और अनिल कुमार को पार्टी की सदस्यता प्रदान की. इस मौके पर बीजेपी से कांग्रेस में आए मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद का भी अभिनंदन किया गया.
'जेडीयू का भविष्य नहीं':सन्नी हजारी को कांग्रेस की सदस्यता प्रदान करने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि "सन्नी हजारी युवा नेता हैं. उनके पिता जी के साथ हमलागों ने काम किया है. सन्नी और महेश्वर हजारी दोनों अच्छी तरह जानते हैं कि अब जेडीयू का कोई सियासी भविष्य बचा नहीं है. ऐसे में सन्नी ने सही समय पर बिल्कुल सही फैसला लिया है."
कौन हैं सन्नी हजारी?:सन्नी हजारी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक महेश्वर हजारी के बेटे हैं. महेश्वर हजारी बिहार सरकार में सूचना-जनसंपर्क मंत्री हैं. कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद सन्नी हजारी ने कहा कि वो अभी तक किसी दल में नहीं थे और कांग्रेस में शामिल हुए हैं. समस्तीपुर लोकसभा सीट पर महागठबंधन की जीत के लिए वो पूरी मेहनत करेंगे.
कौन हैं अनिल कुमार? :अनिल कुमार विक्रम विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के पूर्व विधायक रह चुके हैं, लेकिन पिछले दो चुनावों से अनिल कुमार कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ से लगातार चुनाव हारते रहे हैं. वहीं अब सिद्धार्थ ने बीजेपी का दामन थाम लिया है इसलिए अनिल कुमार अब आगे की सियासी पारी कांग्रेस के साथ शुरू कर रहे हैं. अखिलेश प्रसाद सिंह ने भरोसा दिलाया कि '"कांग्रेस परिवार में शामिल इन नेताओं को सही समय पर उचित अवसर दिया जाएगा."
'पप्पू का नामांकन मंजूर नहीं':इस मौके पर अखिलेश प्रसाद सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि बिहार में महागठबंधन के बीच सीट बंटवारे के तहत उनकी पार्टी को 9 सीटें मिली हैं, जिनमें पूर्णिया शामिल नहीं है. इसलिए ये बात साफ है कि पूर्णिया से नामांकन करनेवाले पप्पू यादव कांग्रेस उम्मीदवार नहीं हैं. अभी भी नामांकन वापसी की अंतिम तारीख बाकी है. नामांकन वापस नहीं लेने पर कार्रवाई का फैसला आलाकमान करेगा.
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