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BRABU में पढ़ाया जाएगा लोकल फिश कल्चर, फिश एंड फिशरीज के सिलेबस में हुआ एड, उत्पादन बढ़ाने पर होगा रिसर्च - Local Fish Culture In BRABU

Fish And Fisheries Syllabus In BRABU: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अब स्नातकोत्तर के छात्रों के लिए लोकल फिश कल्चर की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. इसके तहत उत्पादन बढ़ाने पर रिसर्च भी किया जाएगा. आगे पढ़ें पूरी खबर.

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 5, 2024, 2:54 PM IST

Local Fish Culture In BRABU
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (ETV Bharat)

मुजफ्फरपुर: उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर में स्तिथ बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में अब स्नातकोत्तर के छात्र मछलियों की स्थानीय प्रजाति और बाजार के बारे में भी अध्ययन करेंगे. इसमें नई टेक्नोलॉजी के साथ ही परंपरागत मत्स्य पालन के बारे में भी पढ़ाया जाएगा. यही नहीं बेहतर क्वालिटी सुनिश्चित करने के साथ ही उत्पादन बढ़ाने के लिए रिसर्च भी होगा. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत फिश एंड फिशरीज का सिलेबस अपडेट किया जा रहा है.

अपडेटेड सिलेबस होगा जारी: विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग में करीब 2 दशक से सेल्फ फाइनेंस मोड में फिश एंड फिशरीज की पढ़ाई हो रही है. कोर्स शुरू होने के साथ जो सिलेबस लागू हुआ, अब तक वही चल रहा है. अगले सत्र से अपडेट सिलेबस लागू करने की तैयारी है. इसको लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है. 2 वर्षीय कोर्स को 4 सेमेस्टर में बांटकर सिलेबस तैयार होगा. इसमें लोकल फिश कल्चर के भी 2-3 यूनिट जोड़े जाने की योजना है.

फिश कल्चर में नई टेक्नोलॉजी: बता दें कि इसमें उत्तर बिहार को फोकस किया जाएगा. मिट्टी, पानी और क्लाइमेट का अध्ययन करके छात्र बेहतर उत्पादन के उपाय निकालेंगे. इसके साथ ही मार्केटिंग पर भी अध्ययन करेंगे. फिश कल्चर में नई टेक्नोलॉजी आ गई है. साथ ही परंपरागत व्यवस्था भी है. सिलेबस में दोनों को शामिल करने की योजना है. कोर्स डाइरेक्टर व पीजी जूलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शिवानंद सिंह ने बताया कि उत्तर बिहार में मत्स्य उत्पादन के लिए पर्याप्त संसाधन है.

"पीजी में सत्र 2018-20 से सीबीसीएस के साथ सेमेस्टर सिस्टम लागू है. फिश एंड फिशरीज का सिलेबस अपडेट करने के लिए विभाग से कई बार विश्वविद्यालय को प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन उस पर कोई निर्णय नहीं हो सका."-प्रो. शिवानंद सिंह, अध्यक्ष, जूलॉजी विभाग

अगले सत्र से पढ़ाई: इस साल सिलेबस अपडेट करने के साथ ही ऑर्डिनेंस और रेगुलेशन बनाने के लिए कुलपति प्रो. डीसी राय ने कमेटी गठित की है. कमेटी ने 3-4 विश्वविद्यालयों के साथ ही आईसीआर का सिलेबस भी जुटा लिया है. नया सिलेबस अगले सत्र से लागू किए जाने की तैयारी है.

देश में मछली उत्पादन में बिहार का चौथा स्थान: मछली उत्पादन के मामले में बिहार की आत्मनिर्भरता बढ़ रही है. देश में सर्वाधिक उत्पादन वाले राज्यों में बिहार चौथे स्थान पर है. यहां से अधिक मछली का उत्पादन आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में होता है. प्रो. शिवानंद सिंह का कहना है कि लोकल फिश कल्चर का अध्ययन कर प्रोडक्टिविटी पर फोकस किया जाए, तो उत्पादन के मामले में बिहार दूसरे या तीसरे स्थान पर आ सकता है.

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