ETV Bharat / business

पर्सनल लोन लेने से पहले जान लीजिए इसके फायदे और नुकसान, वरना बाद में होगा पछतावा - PERSONAL LOAN

पर्सनल लोन लेने के लिए आपको कारण बताने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह अनसिक्योर्ड होते हैं.

personal loan
पर्सनल लोन लेने से पहले जान लीजिए इसके फायदे और नुकसान (Getty Images)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 5, 2025, 12:19 PM IST

नई दिल्ली: नए साल में रिजर्व बैंक ने लोन देने वाली कंपनियों को हर 15 दिन पर कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड देने को कहा है. आमतौर पर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं. इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए लोगों के पास पर्सनल लोन सबसे अच्छा विकल्प होता है. इसमें ज्यादा कागजी प्रक्रिया पूरी करने की भी जरूरत नहीं होती है.

इसके चलते कई बार बैंक अपने ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन का ऑफर देते हैं. लोगों को पर्सनल लोन कुछ ही स्टेप में घर बैठे-बैठे आसानी से मिल जाता है. हालांकि, पर्सनल लोन लेने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि पर्सनल लोन के जितने फायदे हैं, उतने उसके नुकसान भी हैं.

पर्सनल लोन के फायदे क्या हैं?
पर्सनल लोन लेने के लिए आपको कारण बताने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह अनसिक्योर्ड होते हैं. इसके अलावा पर्सनल लोन की प्रक्रिया भी काफी आसान और तेज होती है. ऐसे में कई बैंक और वित्तीय संस्थान लोन का पूरा प्रोसेस ऑनलाइन पूरा कर लेते हैं.

इतना ही नहीं पर्सनल लोन लेने के लिए ग्राहकों को बैंक के पास कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती. पर्सनल लोन चुकाने के लिए ग्राहकों को अमूमन एक से पांच साल तक समय मिलता है. इसलिए लोग को अपनी कमाई और बजट के हिसाब से कर्ज चुकाते हैं.

क्या हैं पर्सनल लोन के नुकसान?
पर्सनल लोन की ब्याज दर अन्य लोन के मुकाबले काफी ज्यादा होती है, क्योंकि यह अनसिक्योर्ड लोन होते हैं. पर्सनल लोन पर आपको 10 से 24 फीसदी तक का ब्याज देना पड़ सकता है. चूंकि पर्सनल लोन लेने के लिए आपको अपनी कोई ही चीज गिरवी नहीं रखना पड़ती है, इसके चलते लोग बार-बार लोन लेते हैं, जिसके कारण उनके कर्ज के जाल में फंसने का खतरा बना रहता है.

पर्सनल लोन देते समय ग्राहकों से बैंक प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टीज और अन्य हिडेन चार्ज भी वसूल सकती हैं. इससे आपके लोन की कुल लागत बढ़ती है और यह अन्य लोन के मुकाबले काफी महंगा पड़ता है.

गैरजरूरी कर्ज लेने से रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने उठाया कदम
बता दें कि हाल ही में रिजर्व बैंक ने क्रेडिट रिस्क एसेसमेंट सिस्टम में सुधार के लिए यह नया कदम उठाया है. इसके तहत रिजर्व बैंक ने लोन देने वालों को हर 15 दिन पर कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड मांगा है. इसका मकसद गैरजरूरी कर्ज लेने पर रोक लगाना है. पहले रिजर्व बैंक के पास 15 दिन की जगह महीने में एक बार कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड जमा करना होता था.

यह भी पढ़ें- इस सरकारी योजना में एकमुश्त करें निवेश, हर महीने होगी 20 हजार की कमाई

नई दिल्ली: नए साल में रिजर्व बैंक ने लोन देने वाली कंपनियों को हर 15 दिन पर कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड देने को कहा है. आमतौर पर लोग अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं. इमरजेंसी में पैसों की जरूरत पूरा करने के लिए लोगों के पास पर्सनल लोन सबसे अच्छा विकल्प होता है. इसमें ज्यादा कागजी प्रक्रिया पूरी करने की भी जरूरत नहीं होती है.

इसके चलते कई बार बैंक अपने ग्राहकों को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन का ऑफर देते हैं. लोगों को पर्सनल लोन कुछ ही स्टेप में घर बैठे-बैठे आसानी से मिल जाता है. हालांकि, पर्सनल लोन लेने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि पर्सनल लोन के जितने फायदे हैं, उतने उसके नुकसान भी हैं.

पर्सनल लोन के फायदे क्या हैं?
पर्सनल लोन लेने के लिए आपको कारण बताने की जरूरत नहीं होती, क्योंकि यह अनसिक्योर्ड होते हैं. इसके अलावा पर्सनल लोन की प्रक्रिया भी काफी आसान और तेज होती है. ऐसे में कई बैंक और वित्तीय संस्थान लोन का पूरा प्रोसेस ऑनलाइन पूरा कर लेते हैं.

इतना ही नहीं पर्सनल लोन लेने के लिए ग्राहकों को बैंक के पास कुछ भी गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती. पर्सनल लोन चुकाने के लिए ग्राहकों को अमूमन एक से पांच साल तक समय मिलता है. इसलिए लोग को अपनी कमाई और बजट के हिसाब से कर्ज चुकाते हैं.

क्या हैं पर्सनल लोन के नुकसान?
पर्सनल लोन की ब्याज दर अन्य लोन के मुकाबले काफी ज्यादा होती है, क्योंकि यह अनसिक्योर्ड लोन होते हैं. पर्सनल लोन पर आपको 10 से 24 फीसदी तक का ब्याज देना पड़ सकता है. चूंकि पर्सनल लोन लेने के लिए आपको अपनी कोई ही चीज गिरवी नहीं रखना पड़ती है, इसके चलते लोग बार-बार लोन लेते हैं, जिसके कारण उनके कर्ज के जाल में फंसने का खतरा बना रहता है.

पर्सनल लोन देते समय ग्राहकों से बैंक प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट पेनल्टीज और अन्य हिडेन चार्ज भी वसूल सकती हैं. इससे आपके लोन की कुल लागत बढ़ती है और यह अन्य लोन के मुकाबले काफी महंगा पड़ता है.

गैरजरूरी कर्ज लेने से रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने उठाया कदम
बता दें कि हाल ही में रिजर्व बैंक ने क्रेडिट रिस्क एसेसमेंट सिस्टम में सुधार के लिए यह नया कदम उठाया है. इसके तहत रिजर्व बैंक ने लोन देने वालों को हर 15 दिन पर कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड मांगा है. इसका मकसद गैरजरूरी कर्ज लेने पर रोक लगाना है. पहले रिजर्व बैंक के पास 15 दिन की जगह महीने में एक बार कर्जदारों का क्रेडिट रिकॉर्ड जमा करना होता था.

यह भी पढ़ें- इस सरकारी योजना में एकमुश्त करें निवेश, हर महीने होगी 20 हजार की कमाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.