पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खोलकर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कड़ाके की ठंड में भी सियासी गरमाहट ला दी है. उनके बयान के बाद चर्चा शुरू हो गई कि क्या खरमास के बाद बिहार में खेला होगा? हालांकि अब खुद सीएम ने लालू के ऑफर पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि गलती से दो बार उधर चले गए थे, आगे ऐसा नहीं होगा.
नीतीश ने लालू के ऑफर को ठुकराया?: 'प्रगति यात्रा' के दौरान गोपालगंज में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक तरह से आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के साथ आने के 'ऑफर' को खारिज ही कर दिया. उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि मैं दो बार गलती से इधर से उधर चला गया था लेकिन वापस उधर नहीं जाऊंगा. उन्होंने कहा कि अब जेडीयू और बीजेपी हमेशा साथ में रहेंगे और बिहार के साथ-साथ देश के विकास के लिए भी मिलकर काम करेंगे.
"हम दो बार गलती से इधर से उधर चले गए थे लेकिन अब नहीं होगा ऐसा. अब हमलोग हमेशा साथ रहेंगे और बिहार के साथ देश का भी विकास करेंगे."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
लालू ने दिया था नीतीश को ऑफर: पिछले दिनों एक निजी चैनल से बात करते हुए लालू यादव ने कहा था कि नीतीश कुमार के लिए उनका दरवाजा हमेशा से खुला है. उन्होंने कहा कि सीएम को भी अपना दरवाजा खोलकर हमारे साथ आ जाना चाहिए. लालू ने कहा कि हमलोग मिल बैठकर फैसला लेते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि अगर नीतीश साथ आते हैं तो वह उनको माफ कर देंगे.
नीतीश पर तेजस्वी का रुख लालू से अलग: हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का रुख पिता लालू यादव से अलग है. उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि 20 साल से अगर एक ही बीज को बोया जाए तो फसल बर्बाद हो जाती है. इसके साथ ही तेजस्वी ने दावा किया कि 2025 विधानसभा चुनाव में चाचा (नीतीश) की विदाई हो जाएगी.
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