आगरा :ताजनगरी में एक निजी कंपनी की चेयरपर्सन महिला उद्यमी के दिवंगत पिता की फर्जी वसीयत से जमीन बेचने का मामला सामने आया है. पीड़िता महिला उद्यमी की जब पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाय. अब हरिपर्वत थाना पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर छह नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और षड्यंत्र की धारा में मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने सबूत जुटाकर कार्रवाई की बात कही है.
बता दें कि, करियप्पा रोड, बालूगंज निवासी डॉ. रंजना बंसल महिला उद्यमी हैं. वह अशोका ऑटो सेल्स की चेयरपर्सन हैं. उन्होंने कोर्ट के माध्यम से लुहार गली, रावतपाड़ा निवासी संतोष कुमार जैन, राजीव कुमार, नितुल जैन, पीपल मंडी निवासी देवानंद, पंचकुइयां निवासी केदारनाथ, शकुंतला नगर (गढ़ी भदौरिया) निवासी डोरीलाल नामजद और एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है.
महिला उद्यमी के पिता की फर्जी वसीयत बनवाकर बेच दी करोड़ों की जमीन, FIR दर्ज - पिता की फर्जी वसीयत
आगरा में महिला उद्यमी के पिता की फर्जी वसीयत से करोड़ों की जमीन (Land sold through fake) बेच दी. मामले में पुलिस मकुदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Feb 26, 2024, 10:28 AM IST
'पिता ने की थी मेरे नाम वसीयत' : डॉ. रंजना बंसल ने बताया कि पिता रामकिशोर बंसल की एत्मादपुर तहसील के मौजा नरायच में भूमि है. पिता ने उनके हक में दो जून 2016 को तहसील सदर में रजिस्टर्ड वसीयत कराई थी. इसके मुताबिक, पिता की मृत्यु के बाद जमीन उनके नाम हो जाएगी. लेकिन, नामजद आरोपियों ने 12 जून 2001 को षड्यंत्र कर जमीन हड़पने के लिए फर्जी वसीयत तैयार करके पिता की जगह किसी और को प्रस्तुत कर दिया.
ऐसे किया फर्जीवाड़ा ;पीड़िता महिला उद्यमी डॉ. रंजना बंसल ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी वसीयत में पिता की फोटो लगाई और इसमें देवानंद और केदारनाथ को गवाह बनाया है. इस फर्जी वसीयत उपनिबंधक कार्यालय में पंजीकृत कराया है. इस पर पिता के हस्ताक्षर फर्जी हैं. वसीयत में उनकी उम्र भी 96 वर्ष लिखी है. आरोपियों ने वसीयत के आधार पर नामांतरण के लिए नगर निगम से एक फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र भी बनवाया है.
मृत्यु प्रमाण पत्र भी फर्जी :डॉ. रंजना बंसल ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र के आधार पर तहसील में नामांतरण कराया है. नगर निगम में मृत्यु प्रमाणपत्र का कोई रिकॉर्ड नहीं है. इसके साथ ही मृत्यु प्रमाण पत्र पर मृत्यु का दिनांक भी गलत लिखा है. इसी तारीख पर अधिकारी के हस्ताक्षर भी हैं. पिता की मृत्यु 25 अगस्त 2016 को हुई थी. पिता छावनी परिषद क्षेत्र में रहते थे. इसलिए, नगर निगम की जगह मृत्यु प्रमाणपत्र छावनी परिषद ही जारी कर सकती है.
जांच के बाद होगी सख्त कार्रवाई :डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर महिला उद्यमी डॉ रंजना बंसल की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. आरोपी ने फर्जी वसीयत व मृत्यु प्रमाणपत्र से तहसील एत्मादपुर में अपना नामांतरण कराया है. जमीन को फर्जी तरीके से पांच मार्च 2012 को डोरीलाल के नाम विक्रय कर लाभ प्राप्त किया. मामले में जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
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