पटना:लैंड फॉर जॉब मामले से लालू एंड फैमिली निकल नहीं पा रहे हैं. एक बार फिर से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गृह मंत्रालय ने सीबीआई को लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है. ये जानकारी सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में दी है.
लालू प्रसाद यादव की बढ़ी मुश्किलें!: इससे पहले 18 सितंबर को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपितों को समन जारी किया था. सभी को सात अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया था.
15 अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई: अब लालू प्रसाद यादव के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी मिल गई है. शुक्रवार को सीबीआई ने राऊज एवेन्यू कोर्ट को बताया कि लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है. वहीं बाकी आरोपियों के खिलाफ अनुमति मिलने में 15 दिन और लगेंगे. उसके बाद स्पेशल जज विशाल गोगने ने मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को करने का आदेश दिया है.
सेंक्शन हासिल करने की प्रक्रिया जारी:सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि अन्य आरोपियों के खिलाफ सेंक्शन हासिल करने की प्रक्रिया चल रही है. बाकी आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अभी मंजूरी लंबित है. पिछली सुनवाई में कोर्ट को सीबीआई ने बताया था कि लालू यादव समेत 32 लोकसेवकों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अभी अनुमति नहीं मिली है.
पहली बार तेजप्रताप तलब: इससे पहले दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 18 सितंबर को समन जारी किया था. लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव और अन्य आरोपियों को समन जारी किया गया था. 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है. यह पहला मौका है जब तेजप्रताप यादव को भी इस मामले में तलब किया गया है. कोर्ट ने कहा था कि तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, शुरू में उनके खिलाफ चार्जशीट नहीं की गई थी, लेकिन वे एके इंफोसिस लिमिटेड में निदेशक थे और अब उन्हें तलब किया गया है.
क्या है पूरा मामला?:बता दें कि लालू प्रसाद यादव पर नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने या उनके परिवार को बेचने के लिए दबाव बनाने का आरोप है. मामला उस समय प्रकाश में आया, जब लालू 2004-2009 तक रेल मंत्री थे. सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है कि रेलमंत्री रहते हुए लालू यादव ने नियमों को ताक पर रखते हुए भर्तियां की थीं.