पटना:'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी चीफ और पूर्व रेल मंत्रीलालू यादवऔर उनके दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमानत दे दी है. उन्हें 1-1 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी गई है. अगली सुनवाई की तारीख 25 अक्टूबर तय की गई है. दिल्ली की ईडी स्पेशल राउज एवेन्यू कोर्ट ने 8 लोगों को पेश होने का समन भेजा था. जिन आरोपियों को समन भेजा गया था, उनमें पूर्व रेल मंत्रीलालू यादव, उनके बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप के अलावे अखिलेश्वर सिंह, हजारी प्रसाद राय, संजय राय, धर्मेंद्र सिंह और किरण देवी शामिल हैं.
पहली बार तेजप्रताप को भी नोटिस:जमीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की भी मुश्किलें बढ़ गई है. लालू और तेजस्वी के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तेजप्रताप को पहली बार समन भेजा है. आज पहली बार वह भी कोर्ट में पेश होंगे. कोर्ट ने इस मामले में लालू-तेजस्वी और तेजप्रताप समेत कुल 8 लोगों को समन भेजा है. इस मामले में लालू यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती की कोर्ट में कई बार पेशी हो चुकी है.
तेजस्वी यादव दिल्ली पहुंचे:तेजस्वी प्रसाद यादव कोर्ट से परमिशन लेकर निजी काम से एक हफ्ते से दुबई में थे. आज कोर्ट में पेश होने के लिए तेजस्वी यादव दिल्ली वापस पहुंच चुके हैं. 17 सितंबर को कोर्ट ने लालू प्रसाद के परिवार के तीन सदस्यों को 7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया था.
क्या है जमीन के बदले नौकरी का मामला?:जमीन के बदले नौकरी का यह मामला 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू यादव केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार में रेल मंत्री थे. उन पर आरोप लगा कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और रेलवे में ग्रुप डी में कई लोगों को जमीन के बदले नौकरी दी. पिछले महीने कोर्ट ने इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की थी. इस मामले में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया है. इस केस से जुड़े हुए मामले में तीन की मौत हो चुकी है.
क्या है आरोप का आधार?:आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के अलग-अलग जोन में ग्रुप डी पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीनें तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनसे संबंधित कंपनी एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी. ईडी ने आरोप लगाया है कि जब प्रसाद रेल मंत्री थे, तब मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरियां देने के एवज में कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए राजी किया गया था.
लालू परिवार के कई सदस्यों के नाम जमीन:ईडी ने आरोप लगाया था कि इनमें से कई भूखंड पहले से ही लालू यादव परिवार के पास मौजूद पहले से जमीन के पास स्थित था. इस मामले में सात में से छह भूखंड राबड़ी देवी से जुड़े थे और ये जमीन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिला था. महुआबाग में जुलुमधारी राय, किशुन देव राय और लाल बाबू राय की जमीन राबड़ी देवी के नाम पर लिखी गई.
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