भरतपुर : कृपाल-कुलदीप जघीना हत्याकांड मामला बीते दो साल से सुर्खियों में रहा. इस बीच मृतक कृपाल जघीना के पिता रामभरोसी का 6 दिन पूर्व निधन हो गया, लेकिन शव को मुखाग्नि देने के लिए घर में कोई पुरुष मौजूद नहीं था. ऐसे में शव 5 दिन तक आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा रहा. घर के सभी पुरुष और युवा कुलदीप जघीना हत्याकांड के आरोप में जेल में बंद थे. ऐसे में बेटे रवींद्र को पैरोल दी गई, तब जाकर 5 दिन बाद मंगलवार को रवींद्र ने हाथों में हथकड़ी पहने पुलिस पहरे में अपने पिता को मुखाग्नि दी.
मृतक रामभरोसी के परिजन जेल में थे. न्यायालय की ओर से पैरोल दी गई थी, तब शव को जिला आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी से जघीना ले जाकर अंतिम संस्कार कराया गया. : आकांक्षा चौधरी, सीओ
कृपाल के पिता रामभरोसी का 22 नवंबर को बीमारी के चलते देहांत हो गया था. कृपाल की 4 सितंबर 2022 की रात को हत्या कर दी गई. कृपाल के परिजनों ने बदले की भावना से 12 जुलाई 2023 को कुलदीप की हत्या कर दी, जिसके आरोप में कृपाल का भाई रवींद्र सिंह, सत्यवीर सिंह, भतीजा पंकज और बेटा आदित्य को जेल हो गई. ऐसे में घर पर कोई पुरुष मौजूद नहीं था, जिसके चलते रामभरोसी का शव 5 दिन तक आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखा रहा.