जयपुर: उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने सोमवार को पर्यटन भवन में पर्यटन से जुड़े मुद्दों पर अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में महाराणा प्रताप ट्यूरिस्ट सर्किट" एवं "ब्रज चौरासी यात्रा' की संकल्पना योजना एवं प्रारंभिक रिपोर्ट (Concept Plan & Preliminary Report) तैयार करने पर प्रस्तुतिकरण दिया गया, ताकि दोनों स्थानों का और विकास किया जा सके. इस दौरान उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के साथ राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत और पर्यटन शासन सचिव रवि जैन भी मौजूद रहे.
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के समक्ष निविदाओं का कन्सलटेन्टस एवं आर्किटेक्टस की ओर से बिंदुवार प्रस्तुतिकरण दिया गया. प्रस्तुतिकरण में "महाराणा प्रताप ट्यूरिस्ट सर्किट" एवं "ब्रज चौरासी यात्रा' का विकास करना और यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सुविधाओं का को विकसित करने के लिए अलग-अलग बिंदु प्रस्तावित किए गए. दीया कुमारी ने बताया कि विभिन्न एजेंसियो की ओर से प्रस्तुतिकरण के आधार पर नियोजित रूप से योजना बनाकर काम किया जाएगा.
दीया कुमारी ने राजस्थान पर्यटन विभाग की 145 करोड़ की दो बड़ी योजनाओं को मंजूरी पर केन्द्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का आभार जताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने अलग-अलग पर्यटन केन्द्रों को विश्वस्तरीय बनाने के लिए आमेर और नाहरगढ़ के विकास के लिए 49.31 करोड़ और जलमहल क्षेत्र के विकास के लिए 96.61 करोड़ रुपए की परियोजना को मंजूरी दी है. इन परियोजनाओं के तहत जयपुर के पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा और पर्यटकों के लिए कई सुविधाएं दी जाएंगी.
आज पर्यटन भवन में " महाराणा प्रताप ट्यूरिस्ट सर्किट" एवं "ब्रज चौरासी यात्रा' के विकास के रोडमेप का प्रस्तुतिकरण देखा।
— Diya Kumari (@KumariDiya) December 2, 2024
विभिन्न कॉन्सेप्ट प्लान और प्रारम्भिक रिपोर्टें देखने के बाद पर्यटकों की सुविधाओं का विकास करने के विभिन्न बिंदुओं पर सुझावों का आदान प्रदान भी किया, जिससे… pic.twitter.com/5rb6Feg0FP
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उन्होंने बताया कि जयपुर में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाएं विकसित करने को लेकर लक्ष्य तय किया गया है. दीया कुमारी ने बताया कि बजट में जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र के लिए 100 करोड़ की योजना के क्रियान्वयन का काम चल रहा है. दीया कुमारी ने राइजिंग राजस्थान को लेकर कहा कि दुनिया भर के लोग राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टर्स सबमिट को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं अब तक लगभग 25 लाख करोड़ के एमओयू हो चुके हैं. अब राजस्थान भी इंडस्ट्रियल हब बनने की ओर अग्रसर हैं. सरकार की ओर से राइजिंग राजस्थान को लेकर अलग-अलग प्रदेशों और अलग-अलग देशों के लिए प्रभारी बनाए गए हैं, ताकि इन्वेस्टर्स को किसी भी तरह की कोई दिक्कत ना हो.