गुवाहाटी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस सोमनाथ ने सोमवार को आईआईटी गुवाहाटी में भारत अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2024 के तीसरे दिन छात्रों को संबोधित किया और छात्रों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अनुसंधान ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास में बड़ा योगदान दिया है. इसलिए, उस संबंध में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का विकास और अनुसंधान बहुत महत्वपूर्ण है.
इसरो प्रमुख ने कहा कि अंतरिक्ष अध्ययन और अनुसंधान से मौसम का सटीक पूर्वानुमान मिल सकता है. यह कृषि, स्वास्थ्य जैसे अन्य पहलुओं पर सटीक जानकारी प्राप्त करने में भी मदद करता है.
सोमनाथ ने कहा कि इसरो ने अगले 20 वर्षों के लिए विभिन्न चुनौतीपूर्ण योजनाएं बनाई हैं. इसमें 12वीं अंतरिक्ष योजना भी शामिल है. चक्रवाती तूफानों की गति का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा. सूर्य का भी विस्तृत अध्ययन किया जाएगा. अंतरिक्ष में अधिक शक्तिशाली उपग्रह प्रक्षेपित किए जाएंगे. मंगल और शुक्र ग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजे जाएंगे. 2035 तक भारत का अंतरिक्ष अध्ययन नए चरण में प्रवेश करेगा.
उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "छात्रों को गहन अध्ययन करना चाहिए. उन्हें स्कूलों में शिक्षकों द्वारा पढ़ाए जाने के अलावा ज्ञान प्राप्त करने के लिए खुद से भी अध्ययन करना होगा. छात्र विज्ञान और प्रौद्योगिकी के भविष्य के अग्रदूत हैं. छात्रों के लिए इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण नवाचारों और प्रगति को समझना आवश्यक है."
उन्होंने कृषि, विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा में स्थायी प्रद्धतियों पर भी चर्चा की, जिसमें रचनात्मक, ज्ञान-आधारित शिक्षा में शिक्षार्थियों और शिक्षकों को प्रेरित करने की पहल शामिल है.
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