आरक्षक ने टीआई पर लगाया पिस्टल की नोक पर मारपीट का आरोप, एसपी ने आरक्षक को सस्पेंड कर कहा आचरण संदिग्ध ! - korba Constable serious allegations
korba Constable serious allegations कोरबा में सिविल लाइन में पदस्थ आरक्षक ने जांजगीर के टीआई पर पिस्टल की आड़ में मारपीट का आरोप लगाया. आरक्षक ने इस मामले की शिकायत अपने उच्च अधिकारियों को की. लेकिन अधिकारियों ने शिकायत पर कोई भी एक्शन लेने से मना कर दिया. मामला जब उच्च अधिकारी के पास पहुंचा तो कोरबा एसपी ने शिकायत करने वाले आरक्षक को सस्पेंड कर दिया. जानिए क्या है पूरा मामला. Constable beaten up in Korba
कोरबा आरक्षक का टीआई पर आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)
कोरबा: पड़ोसी जिले के टीआई पर आरोप है कि फिल्मी स्टाइल में एक आरक्षक को थाना सिविल लाइन, रामपुर क्षेत्र के शराब दुकान के सामने से पिस्टल की नोक पर उठा लिया गया. रात भर पीटा, धमकाया और फिर थाने के सामने ही छोड़ दिया. आरक्षक ने इस मामले की शिकायत थाने में कर ठोस कार्रवाई और जांच की मांग की है. एसपी ने इस मामले में शिकायत करने वाले आरक्षक को सस्पेंड कर दिया है. आदेश में कहा गया है कि आरक्षक अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त आरोपी के साथ बैठकर शराब पी रहा था. आरक्षक का आचरण संदिग्ध है. यह पुलिस सेवा के नियम के भी विरुद्ध है.
कोरबा आरक्षक का टीआई पर आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)
आरक्षक ने इन बिंदुओं पर की शिकायत और की है जांच की मांग:सिविल लाइन थाना में पदस्थ आरक्षक विकास भारद्वाज क्रमांक-532 (32 वर्ष) मानिकपुर दादर का रहने वाला है. शिकायत में कहा है कि "26 जुलाई की रात करीब 9:45 बजे वह अपने साथी राम राठिया, विशाल साण्डे के साथ बाइक में सुभाष चौक में जूस पीने जा रहा था. तभी मानिकपुर का रहने वाला धनेष साहू ऊर्फ सन्नाटा से रास्ते में मुलाकात हुई. उसने 200 रुपये मांगे और आगे छोड़ने को कहा. उसे छोड़ने गया तो निहारिका शराब दुकान के पास 04-05 लोग जो सादे कपड़े में थे, इन्होंने रोक लिया. बाइक से जबरन चाबी निकाला और अपने काले रंग के स्कॉर्पियो में बैठने के लिए कहा. मना करने पर पिस्टल अड़ा दिया और बोला कि चुपचाप बैठो, नहीं तो यही शूट कर देंगे. इसके बाद ये लोग एमपी नगर दुर्गा पण्डाल स्थित ग्राउण्ड के पास ले जाकर नीचे उतारे. जहां नवागढ़, जिला जांजगीर थाना में पदस्थ टीआई भास्कर शर्मा मौजूद थे. उन्होंने सब के साथ मिलकर मारपीट करते हुए गाली गलौज की और उसे बुरी तरह से पीटा."
आरक्षक ने शिकायत में आगे बताया "मुझे कहा कि अपराधी के साथ घूमते हो, इसे तुम संरक्षण देते हो कहते हुए, लगातार लातघूसों से मुझे मारने लगे. मैंने बताया कि मैं इसे इतना ही जानता हूँ कि, ये मेरे घर का कभी कभी कोई काम कर देता है. इसके अलावा कुछ पता नहीं. साथ ही ये भी बताया कि मैं आरक्षक हूं और पुलिस विभाग में काम करता हूं लेकिन इसके बावजूद सभी ने मेरी पिटाई की और सुबह लगभग 4:30 मुझे सिविल लाइन थाना के सामने ही छोड़ दिया. आरक्षक ने इस मामले में संबंधित टीआई और उनके साथियों पर ठोस कार्रवाई और जांच की मांग करते हुए थाना प्रभारी सिविल लाइन को 6 पन्ने का शिकायती पत्र शपथ पत्र के साथ सौंपा, लेकिन मेरी शिकायत नहीं ली. मैं पुलिस का जवान हूं फिर भी मेरे साथ ऐसा हुआ जिससे मैं मानसिक तौर पर बेहद परेशान हूं."
आरोपी के साथ घूम रहा था आरक्षक, मारपीट नहीं की :इस मामले में नवागढ़ थाना प्रभारी टीआई भास्कर शर्मा ने बताया कि सन्नाटा नामक आरोपी के द्वारा मेरे थाना क्षेत्र के शासकीय उचित मूल्य की दुकान से बड़े पैमाने पर चावल की चोरी की थी. इस मामले में उसकी भी तलाश की जा रही थी. तकनीकी जानकारी के आधार पर उसके कोरबा जिला में निहारिका क्षेत्र में होने का पता चला था. जब पुलिस शराब दुकान के आसपास पहुंचकर तलाश कर रही थी. तब आरोपी आरक्षक विकास के साथ उसकी बाइक पर पीछे बैठा हुआ मिला. इस संबंध में पूछताछ करने के साथ सन्नाटा को हिरासत में लिया गया और सादे ड्रेस में मिले आरक्षक से सामान्य पूछताछ की गई थी. जब उसने खुद को आरक्षक होना बताया तो आई कार्ड के साथ विभागीय पुष्टि भी की गई. पूछताछ की जानकारी सिविल लाइन थाना प्रभारी और कोरबा सीएसपी को भी दी गई थी.उस समय हमारे साथ डीएसपी अनिल कुर्रे भी मौजूद थे. मारपीट किए जाने की बात निराधार है.
एसपी ने आरक्षक को किया सस्पेंड :आरक्षक ने भले ही अपने साथ मारपीट की शिकायत की है. इधर एसपी ने शिकायतकर्ता आरक्षक विकास भारद्वाज को सस्पेंड कर दिया है. कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने निलंबन आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि एक आपराधिक मामले में नवागढ़ थाना प्रभारी भास्कर शर्मा, डीएसपी अनिल कुर्रे सहित मातहत स्टाफ इस मामले की पतासाजी करने कोरबा के निहारिका क्षेत्र आए थे. इस दौरान मामले के मुख्य आरोपी धनेश साहू के साथ आरक्षक विकास भारद्वाज बैठा हुआ था और शराब पी रहा था. आरक्षण का आचरण संदिग्ध है. यह पुलिस सेवा नियमों के भी विपरीत है. जो कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है. जिसके कारण आरक्षक को सस्पेंड किया गया है.