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कोलकता रेप हत्याकांड का असर : हड़ताल से बिहार में 800 सर्जरी कैंसिल, बिना इलाज के रहे 60 हजार मरीज - Doctors Strike In Bihar

Bihar Doctors Strike: कोलकता रेप हत्या कांड के विरोध में बिहार में सरकारी चिकित्सक हड़ताल पर हैं. इसका असर बड़े-बड़े अस्पताल में देखने को मिल रहा है. जिस अस्पताल में आसानी से बेड नहीं मिलती है वहां खाली पड़ी है. मरीज बिना इलाज कराए लौट रहे हैं. राज्यभर में 800 सर्जरी कैंसिल हुई है. रोजाना 60 हजार से अधिक मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है.

कोलकता रेप हत्या कांड का असर
कोलकता रेप हत्या कांड का असर (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 18, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Aug 18, 2024, 10:18 PM IST

कोलकता रेप हत्या कांड के विरोध में बिहार में सरकारी अस्पताल का हाल खराब (ETV Bharat)

पटनाःकोलकाता रेप मर्डर कांड को लेकर देशभर में चिकित्सक आक्रोशित हैं. बिहार में पिछले चार दिनों से सरकारी अस्पताल में चिकित्सकों की हड़ताल जारी है. ओपीडी सेवाएं और प्लांड सर्जरी ठप पड़ी है. ऐसे में प्रदेश के जिन सरकारी अस्पतालों में जल्दी मरीजों को बेड नहीं मिलता था, वहां बेड खाली पड़ी है. इलाज के अभाव में मरीज के परिजन अपने मरीज को डिस्चार्ज करा कर घर ले जाने को विवश हैं.

प्रदेश में 800 से अधिक सर्जरी कैंसिलः राज्य के किसीअस्पतालों में चार दिनों से तो किसी में 5 दिनों से हड़ताल है. ऐसे में पूरे प्रदेश भर में 800 से अधिक सर्जरी कैंसिल हो चुकी है. चार दिनों में अगर पटना की बात करें तो 350 से अधिक तय सर्जरी पोस्टपोंड हुई है. गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों की पीड़ा बढ़ती जा रही है. परिजन का कहना है कि वे लोग गरीब हैं, इसलिए सरकारी अस्पताल में आए हैं. प्राइवेट में सक्षम नहीं हैं, लेकिन सरकारी डॉक्टर हड़ताल पर हैं.

पीएमसीएच से मरीज को घर ले जाते परिजन (ETV Bharat)

60000 से अधिक मरीजों को नहीं मिली ओपीडी सेवाः हेल्थ मेंपटना उत्तर भारत का एक प्रमुख केंद्र है. यहां चार-चार सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इसके अलावा कई सुपर स्पेशलिटी अस्पताल भी हैं. हड़ताल के कारण ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद है. ऐसे में बिहार के सुदूर इलाके से प्रतिदिन पटना में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को पटना से वापस लौटना पड़ रहा है. पटना के अस्पतालों में 60000 से अधिक मरीजों को बीते 4 दिनों में ओपीडी सेवा नहीं मिली है.

किन अस्पतालों से कितने मरीज लौट रहेः पीएमसीएच में प्रतिदिन 2500-2700 मरीज बिना इलाज लौट रहे हैं. आईजीआई एमएस में 5500-5800, एनएमसीएच में 3000 और एम्स में 3000 से 3500 मरीज लौट रहे हैं. ऐसे में समय को चिकित्सीय सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीजों की बीमारी बढ़ते जा रही है. अस्पताल में डॉक्टर जनरल वार्ड में भी राउंड नहीं ले रहे हैं. ऐसे में पूर्व से जो एडमिट मरीज बिना ट्रीटमेंट के डिस्चार्ज लेकर घर लौटने को मजबूर हैं.

पीएमसीएच में बरामदे पर मरीज व परिजन (ETV Bharat)

पीएमसीएच के जनरल वार्ड में सन्नाटाःपीएमसीएच प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. गरीब मरीजों के समुचित ट्रीटमेंट के लिए जाना जाता है. सामान्य दिनों में मरीज इतनी भीड़ होती है कि जमीन पर लेटाकर मरीज का इलाज किया जाता है, क्योंकि यहां बेड फुल होने के बावजूद मरीज को लौट आया नहीं जाता, लेकिन चार दिनों से सैकड़ों बेड खाली नजर आ रहे हैं. गुजरी वार्ड और हथुआ वार्ड में सन्नाटा पसरा हुआ है.

'लाज नहीं कर रहे डॉक्टर': अस्पताल के हथुआ वार्ड में अपनी बीमार मां को खाना खिला रही साइबू निशा ने बताया कि वह बेतिया से आई हुई है. उसकी मां की किडनी खराब है और डायलिसिस होता है. वार्ड में चार दिन से कोई डॉक्टर आ नहीं रहे हैं. यहां से लोग कह रहे हैं कि प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाइए लेकिन वह इतना सक्षम नहीं है कि प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करा सकें.

पीएमसीएच में खाली बेड (ETV Bharat)

" मेरी मां की किडनी खराब है. रोज डायलिसिस होता है. 4 दिनों से कुछ इलाज नहीं हुआ. हड़ताल के कारण वार्ड के सभी मरीज को लोग डिस्चार्ज करा कर घर लेकर चले गए हैं. जो सक्षम है वह प्राइवेट अस्पताल में एडमिट किए हैं लेकिन वह अपने हाल पर अब जीने को मजबूर है, क्योंकि वह प्राइवेट में नहीं जा सकती हैं."- साइबू निशा, मरीज के परिजन

5 दिनों से नहीं हुआ इलाजः मनेर से आए हुए मनीष कुमार ने बताया कि उनके पेट में समस्या है. पांच दिनों से पीएमसीएच में एडमिट हैं. पूरा पेट फुला हुआ है और बेचैनी महसूस हो रही है. लेकिन अस्पताल में डॉक्टर नहीं आ रहे हैं. प्राइवेट में जाने की क्षमता नहीं है इसीलिए वार्ड से डिस्चार्ज नहीं लिए हैं. वह उम्मीद कर रहे हैं की स्ट्राइक जल्द खत्म होगी और उनका इलाज शुरू होगा.

हड़ताल खत्म होने का इंतजारः यह तो पटना के बड़े बड़े अस्पतालों का हाल है. पूरे बिहार में स्वासथ्य का हाल खराब है. मरीज बिना इलाज के लिए अस्पताल से घर लौट रहे हैं. जिसे प्राइवेट में जाने के लिए पैसा है वे वहां इलाज करा रहे हैं. जो प्राइवेट में नहीं जा सकते वे हड़ताल खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.

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Last Updated : Aug 18, 2024, 10:18 PM IST

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