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NDA की प्लानिंग, विपक्ष ने भी निकाला 'तोड़', सवाल- किसकी होगी ताजपोशी?

विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में हो इसको लेकर NDA में सहमति बन गई है. इधर 'संगत पंगत' को लेकर राजनीति गरमा गई है.

'संगत पंगत' वाली राजनीति.
'संगत पंगत' वाली राजनीति. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 7, 2024, 8:22 PM IST

पटना :आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार की राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में फिर से सरकार बने इसको लेकर एनडीए अभी से रणनीति बनाने में जुट गया है. एनडीए गठबंधन में शामिल सभी दलों के कार्यकर्ताओं के बीच सामंजस्य बैठाने के लिए "संगत पंगत" कार्यक्रम की योजना बनाई गई है. ताकि सभी दलों के कार्यकर्ताओं में बेहतर तालमेल बन सके.

क्या है "संगत पंगत" कार्यक्रम ? : जनता दल(यू) के प्रदेश कार्यकारणी की बैठक में खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने "संगत पंगत" कार्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया. पार्टी के सभी सदस्यों ने इसको लेकर सहमति प्रदान कर दी. इस कार्यक्रम के तहत एनडीए के सभी घटक दल के कार्यकर्ता एक साथ बैठकर बूथ स्तर तक आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए को जीत दिलाने की रणनीति बनाएंगे. सभी दलों के नेता एकसाथ बैठ कर भोजन करेंगे.

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया. (Etv Bharat)

''सत्ता प्राप्त करने के लिए जरूरी है कि तमाम घटक दलों के जो समर्थक हैं, जो बिखरे हुए हैं वह एक साथ हो जाएं. लोकसभा चुनाव में इन लोगों का जज्बा दिखा. संगत पंगत कार्यक्रम में सभी दलों के कार्यकर्ता एक जगह बैठेंगे. खाना-पीना खाएंगे और घटक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच आपसी सौहार्द कैसे बढ़े इसपर चर्चा होगी.''- सुनील पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार

कार्यक्रम का उद्देश्य : 2025 में होने वाला बिहार विधानसभा चुनाव NDA और INDIA गठबंधन के लिए साख का सवाल है. 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में NDA का आकार बढ़ा है. जदयू, बीजेपी, लोजपा (आर), हम(सु) और लोकमोर्चा शामिल है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी भी एनडीए का अपना हिस्सा मानती है. "संगत पंगत" कार्यक्रम का उद्देश्य है कि एनडीए गठबंधन के घटक दलों को एक साथ बैठकर 2025 के चुनाव की तैयारी की रूपरेखा तैयार करना.

सभी घटक दलों के कार्यकर्ता एक साथ बैठकर खाना खाएंगे. किस तरीके से 2025 में फिर से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बने इसकी रूपरेखा तैयार करेंगे.

''2025 चुनाव को लेकर एनडीए के सभी घटक दल के प्रखंड, जिला एवं प्रदेश स्तर पर कार्यकर्ता आपसी सामंजस्य अच्छे से बैठाएंगे. सभी दलों के कार्यकर्ता एक साथ बैठकर भोजन करेंगे. आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में होगा. 225 का टार्गेट तय किया गया है, उससे भी अधिक सीट जीतकर फिर से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनेंगे. तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता बनने के लिए काबिल नहीं रह पाएंगे.''- निहोरा प्रसाद यादव, जदयू प्रवक्ता

जेडीयू प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक संबोधित करते नीतीश कुमार (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

बूथ स्तर तक कार्यक्रम की योजना : बीजेपी भी इस कार्यक्रम को लेकर उत्साहित है. भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण का कहना है कि गठबंधन की तरफ से "संगत पंगत" की कार्यक्रम को लेकर सहमति बनी है. एनडीए गठबंधन के सभी साथी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस कार्यक्रम को हर एक पंचायत के बूथ स्तर तक ले जाने की योजना है.

''इससे हमारे कार्यकर्ताओं के बीच बढ़िया संबंध स्थापित होगा. कार्यकर्ताओं को यह बात समझ में आएगी कि सरकार किस मुद्दे पर क्या कर रही है. समय आने पर हमारे कार्यकर्ता मिलजुल करके विरोधियों का मुंह तोड़ जवाब देंगे. एक बार फिर से 2025 में 225 का लक्ष्य एनडीए पाएगा.''-कुंतल कृष्ण, भाजपा प्रवक्ता

पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो) (Etv Bharat)

कांग्रेस ने नीतीश के भोज रद्द करने की याद दिलायी :संगत पंगत कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस ने जदयू को पुरानी बात याद दिलाई. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर का कहना है कि पंगत का मतलब होता है लाइन में बैठकर खाना. नीतीश कुमार ने एक बार बीजेपी के नेताओं को निमंत्रण देकर भोज रद्द कर दिया था.

''सबसे पहले नीतीश कुमार ने इन लोगों को पंगत से उठा दिया था. इस बार अंतिम पत्ता जनता छिनेगी. इन लोगों ने जनता को ठगने का काम किया है. हम लोग भी चुनाव की तैयारी में लगे हुए हैं. जनता को स्मार्ट मीटर के नाम पर लूटा जा रहा है. जिस घर में यह लोग खाना खाने के लिए जाएंगे वही लोग इनको बिजली का करंट लगाकर वहां से भागाने का काम करेंगे.''-राजेश राठौर, कांग्रेस प्रवक्ता

अमित शाह के साथ चिराग पासवान. (ETV Bharat)

'जदयू का संगत नफरत वालों के साथ' :आरजेडी प्रवक्ता एजाज अहमद का कहना है कि जदयू का संगत नफरत वाले लोगों के साथ है. जो लोग आरक्षण को समाप्त करना चाहते हैं, उनके साथ जदयू का संगत है. जैसे लोगों के साथ उनका संगत है वैसे ही लोगों के साथ बैठकर पंगत यानी भोजन करेंगे.

''बिहार में अपराधियों का बोलबाला है. 18 वर्षों से इनका शासन है. बिहार में हर साल बाढ़ आती है और आपदा को यह लोग अवसर में बदलते हैं. इसीलिए एनडीए के लोग जो राजनीति शुरू कर रहे हैं यहां की जनता सब कुछ देख रही है. हमारा मुकाबला किसी से नहीं है. बिहार की जनता जानती है कि नौकरी का मतलब तेजस्वी, तरक्की का मतलब तेजस्वी, विकास का मतलब तेजस्वी बिहार में तेजस्वी और तेजस्वी का मतलब बिहार का सर्वांगीण विकास.''-एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता

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