पटना: बीपीएससी संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग स्थित धरनास्थल पर अभ्यर्थियों द्वारा सत्याग्रह किया जा रहा है. शनिवार की रात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों से मिलने धरनास्थल पर पहुंचे. इसके बाद राजनीति गरमा गयी. छात्र नेता दिलीप ने राजनीतिक दलों से उनके आंदोलन का राजनीतिकरण नहीं करने का आग्रह किया है.
"हम नहीं चाहते हैं कि इस मुद्दे का कोई भी पार्टी राजनीतिकरण करें. हमारी मांग अभी भी वही है कि बीपीएससी को पूरी परीक्षा रद्द करनी चाहिए. लेकिन साथ-साथ यह भी कहना है कि इस आंदोलन में कोई भी राजनीति दल के लोग या किसी खास कोचिंग के शिक्षक नहीं आए तो अच्छा होगा."- दिलीप कुमार, छात्र नेता
तेजस्वी की सरकार में भी लाठी चले थे: छात्र नेता दिलीप कुमार ने कहा कि शनिवार देर रात नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सत्याग्रह में शामिल होने पहुंच गए. वहां पर जो वह बोल रहे थे वह पूरी तरह से गलत है. जब वह भी सरकार में थे, उस समय भी भी पटना की सड़कों पर अभ्यर्थियों पर लाठी चली थी. कई परीक्षा के पेपर लीक हुए थे. सरकार में आने के बाद सभी लोग अपनी मर्जी के हो जाते हैं और जब विपक्ष में जाते हैं तो फिर वह छात्रों का हिमायती बनने आते हैं. इस तरह की राजनीति उचित नहीं है.
अलग से आंदोलन करने की सलाहः छात्र नेता दिलीप ने कहा कि हम अभ्यर्थियों की मांग के साथ अभी भी पूरी तरह से खड़े हैं. लेकिन हम अभ्यर्थियों से भी कहेंगे कि वह इस आंदोलन को राजनीतिक रूप नहीं दे. नेताओं से भी अपील करेंगे और कहेंगे कि अगर उन्हें आंदोलन करना है तो वह सीधे सीधे बीपीएससी कार्यालय के सामने जाकर आंदोलन करें ना कि अभ्यर्थी जहां बैठे हैं वहां आए. किसी भी कोचिंग के शिक्षक या राजनीतिक दल हमें मोरल सपोर्ट कर सकते हैं.
क्यों मना किया धरनास्थल पर आने सेः दिलीप ने कहा कि शिक्षकों या फिर राजनीतिक दल के नेताओं के सामने आने के बाद सरकार को बहाना मिल जाता है. सरकार कहने लगती है कि किसी कोचिंग संचालक द्वारा या किसी राजनीतिक दल द्वारा इस तरह का आंदोलन करवाया जा रहा है. अगर छात्र के हित में बिहार में काम हो, यह अगर सोच रखें कोई राजनीतिक दल चलते हैं तो हमारा मानना है कि उस राजनीतिक दल को अभ्यर्थी जहां सत्याग्रह कर रहे हैं तो वहां नहीं जाना चाहिए.
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