किशनगंज:लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बिहार की पांच सीटों पर मतदान होने वाला है, जिसमें सीमांचल का किशनगंज लोकसभा सीट भी शामिल है. सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका माना जाता है, ऐसे में 68 फीसदी मुस्लिम आबादी वाले किशनगंज लोकसभा सीट पर जदयू प्रत्याशी के पक्ष में अल्पसंख्यक मंत्री व जदयू के किशनगंज लोकसभा प्रभारी जमा खान मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हैं.
अल्पसंख्यक वोटरों को लुभा रहे जमा खान:ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में जमा खान ने कहा कि हम लोगों के नेता का नाम और काम करने का तरीका लोगों ने देखा है. उन्होंने कहा कि जिले में दो हफ्तों से कैंप कर अल्पसंख्यक वोटरों से जनसंपर्क करने में जुटे हैं. इस बार माइनॉरिटी वोटर भी हम लोगों के साथ जुड़ने जा रहे हैं.
"इस बार परिवर्तन की लहर किशनगंज में तेज हो गयी है. हम लोग माइनॉरिटी वोटरों से डरते थे कि वो हमें समर्थन नहीं करेंगे, लेकिन इस बार माइनॉरिटी वोटरों का एक बड़ा तबका हमारे साथ जुड़ने जा रहा है. दो हफ्तों से मैं खुद किशनगंज संसदीय क्षेत्र में कैंप कर रहा हूं और अब तक 100 से 150 गांव में जाना हुआ है. हर जगह, हर समाज के लोग वोट दे रहे हैं."- जमा खान, मंत्री, बिहार सरकार
ओवैसी के जरिए बटेंगे वोट?: AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने किशनगंज से प्रत्याशी खड़ा किया है, जिसको लेकर वोट बंटने के सवाल पर जमा खान ने कहा कि ओवैसी साहब को लोग जान गये हैं. उनको चुनाव के वक्त ही सीमांचल याद आता है, चुनाव के बाद अता-पता नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि एनडीए किशनगंज सीट पर विकास के नाम पर चुनाव लड़ रही है.
'मजहब की राजनीति नहीं करते हैं हम': अल्पसंख्यक मंत्री ने दावा किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार का विकास किया है, जिसमें किशनगंज जिला भी शामिल है. उन्होंने कहा कि वे लोग मजहब की राजनीति नहीं करते हैं. लोग पार्टी के काम को देखकर वोट देंगे. दरअसल जमा खान जदयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम के नॉमिनेशन के बाद से जिले में लगातार कैंप कर अल्पसंख्यक वोटरों के बीच जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं.