कुल्लू:माता लक्ष्मी और भगवान गणपति की पूजा का त्योहार दीपावली इस साल 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. ऐसे में भक्त माता लक्ष्मी तथा गणपति की कृपा पाने के लिए उनकी विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं और अपने पूरे घर को दीयों से सजाते हैं. ताकि माता लक्ष्मी उनके घर में स्थिर रूप से विराजमान हो सके. ऐसे में लक्ष्मी पूजन के दौरान माता लक्ष्मी तथा गणपति की मूर्ति का होना भी आवश्यक है. इसके लिए लोग बाजार में माता लक्ष्मी तथा गणपति की मूर्ति खरीदते हैं. लेकिन मूर्ति खरीदते समय लोगों को कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए. ताकि माता लक्ष्मी तथा भगवान गणेश स्थिर रूप से उनके घर में वास कर सके.
आचार्य दीप कुमार का कहना है कि, "दीपावली में पूजन के लिए माता लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की मूर्ति कभी भी एक साथ जुड़े स्वरूप में नहीं खरीदनी चाहिए. कुछ लोग इस तरह की मूर्ति भेंट करते हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं हैं. लोगों को अपने पूजा घर में भी रखने के लिए लक्ष्मी और गणेश की अलग अलग विग्रह वाली प्रतिमाएं लेनी चाहिए. इसके अलावा दीपावली में पूजा के लिए भगवान गणेश की ऐसी मूर्ति लेनी चाहिए, जिसमें भगवान गणेश की सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी हो. दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं मानी जाती. वही, दीपावली में पूजन के लिए ऐसी भगवान गणेश ऐसी मूर्ति लेनी चाहिए। जिसकी सूंड में दो घुमाव न हो".
आचार्य दीप कुमार ने कहा, "दीपावली में पूजन के लिए भगवान गणेश मूर्ति खरीदते समय हमेशा ध्यान रखें कि हाथ में मोदक वाली मूर्तियां ही खरीदें. ऐसी मूर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है. भगवान गणेश की मूर्ति में उनके वाहन मूषक भी जरूर दिखना चाहिए. बिना भगवान के वाहन वाली मूर्ति न खरीदें. इसके अलावा दीपावली में पूजन के लिए सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु की मूर्ति खरीदने के साथ क्रिस्टल के लक्ष्मी-गणेश की पूजा करना शुभ होता है. लेकिन उसमें भी उपर्युक्त सावधानियों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. माता लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते वक्त इस बात का जरूर ख्याल रखे कि वो मूर्ति कमल के आसन पर विराजमान हों. कुछ लोग माता लक्ष्मी की खड़े स्वरूप में मूर्ति खरीदते है. उस मूर्ति के बारे में कहा जाता हैं कि वो स्वरूप माता के जाने का होता हैं और कमल पर बैठी हुई माता लक्ष्मी स्थिर रूप में वास करती हैं".
मां लक्ष्मी और गणेश जी मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ख्याल
- मां लक्ष्मी और गणेश जी की अलग-अलग विग्रह वाली मूर्ति लेनी चाहिए.
- माता लक्ष्मी कमल के आसन पर विराजमान होनी चाहिए.
- भगवान गणेश जी की सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी होनी चाहिए.
- गणेश जी की हाथ में मोदक ली हुई प्रतिमा लेनी चाहिए.
- मूर्ति में गणेश जी का वाहन मूषक भी जरूर होना चाहिए.
- सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु की मूर्ति लेना शुभ होता है.
- गणेश जी की दाईं तरफ मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं मानी जाती.
- गणेश जी की सूंड में दो घुमाव नहीं होनी चाहिए.
- बिना गणेश जी के वाहन मूषक वाली मूर्ति नहीं लेनी चाहिए.
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