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आईपीएस इल्मा अफरोज़ की बद्दी में नियुक्ति मामले में सरकार का HC में जवाब, कहा खुद मांगी थी ट्रांसफर - ILMA AFROZ

इल्मा अफरोज एसपी रहते हुए लंबी छुट्टी पर चली गई थीं. जिसके बाद सरकार पर सवाल उठे थे.

इल्मा अफरोज के तबादले में हाइकोर्ट में सरकार ने दिया जवाब
इल्मा अफरोज के तबादले में हाइकोर्ट में सरकार ने दिया जवाब (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 4, 2025, 2:26 PM IST

शिमला: आईपीएस इल्मा अफरोज की बद्दी में नियुक्ति की मांग के मामले में शनिवार को हिमाचल हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में बताया कि आईपीएस इल्मा अफरोज की ओर से ही ट्रांसफर की मांग की गई थी. दरअसल पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान डीजीपी और मुख्य सचिव से जवाब मांगा था. हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और जस्टिस सत्येन वैद्य की खंडपीठ के सामने एडवोकेट जनरल ने गृह सचिव और DGP की तरफ से जवाब दाखिल किया. अब इस मामले की सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

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मामला क्या है ?

गौरतलब है कि साल 2024 में आईपीएस इल्मा अफरोज को पुलिस जिला बद्दी की कमान सौंपी गई थी. लेकिन 7 नवंबर 2024 को शिमला में मुख्यमंत्री के साथ हुई प्रदेशभर के डीसी-एसपी की बैठक में हिस्सा लेने के बाद एसपी इल्मा अफरोज छुट्टी पर चली गई थीं. अचानक छुट्टी जाने को लेकर कई सवाल उठे और विपक्ष की ओर से भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया. कहा गया कि एक स्थानीय कांग्रेस नेता के कारण एसपी को छुट्टी पर भेज दिया गया. हालांकि हिमाचल सरकार की ओर से साफ किया गया कि इल्मा अफरोज ने अपनी मां की तबीयत का हवाला देकर छुट्टी ली है.

इसके बाद आईपीएस इल्मा अफरोज ने छुट्टियां बढ़ाने का आवेदन किया और सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक सरकार पर कई सवाल उठते रहे. आखिरकार 16 दिसंबर 2024 को इल्मा अफरोज ने शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट किया और तबसे अब तक उन्हें पोस्टिंग नहीं दी गई है.

हाइकोर्ट कैसे पहुंचा मामला ?

दरअसल इल्मा अफरोज को बद्दी ना भेजे जाने पर सुच्चा सिंह नाम के शख्स ने एक याचिका हाइकोर्ट में दाखिल कर दी. याचिका में कोर्ट को बताया गया कि बद्दी के स्थानीय लोगों का आग्रह है कि इल्मा अफरोज को फिर से बद्दी एसपी की जिम्मेदारी दी जाए क्योंकि उनके रहते वहां खनन, नशा माफिया पर लगाम लगी थी और उनके एसपी रहते आम जनता खुद को सुरक्षित महसूस किया था. याचिकाकर्ता की ओर से सीमावर्ती इलाके और कानून-व्यवस्था का हवाला दिया गया था.

इसके अलावा याचिका कर्ता के वकील ने बताया कि "हाइकोर्ट पहले भी आदेश जारी कर चुका था कि एसपी इल्मा अफरोज का तबादला बिना कोर्ट की अनुमति के नहीं होना चाहिए. लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों के कारण ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की गईं की एसपी इल्मा अफरोज को छुट्टी पर जाना पड़ा."

कुल मिलाकर याचिकाकर्ता ने स्थानीय लोगों का हवाला देते हुए इल्मा अफरोज को फिर से एसपी बद्दी बनाने की मांग की है. जिसपर कोर्ट ने डीजीपी और मुख्य सचिव से जवाब तलब किया था. सरकार की ओर से शनिवार की सुनवाई के दौरान साफ किया गया कि आईपीएस इल्मा अफरोज ने खुद ही तबादले की मांग की थी. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

ये भी पढ़ें: Ilma Afroz: कुंदरकी से ऑक्सफ़ोर्ड, न्यूयार्क और फिर IPS का सफर, अचानक अवकाश पर जाने के बाद सुर्खियों में ये अफसर

शिमला: आईपीएस इल्मा अफरोज की बद्दी में नियुक्ति की मांग के मामले में शनिवार को हिमाचल हाइकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार की ओर से कोर्ट में बताया कि आईपीएस इल्मा अफरोज की ओर से ही ट्रांसफर की मांग की गई थी. दरअसल पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान डीजीपी और मुख्य सचिव से जवाब मांगा था. हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और जस्टिस सत्येन वैद्य की खंडपीठ के सामने एडवोकेट जनरल ने गृह सचिव और DGP की तरफ से जवाब दाखिल किया. अब इस मामले की सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

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मामला क्या है ?

गौरतलब है कि साल 2024 में आईपीएस इल्मा अफरोज को पुलिस जिला बद्दी की कमान सौंपी गई थी. लेकिन 7 नवंबर 2024 को शिमला में मुख्यमंत्री के साथ हुई प्रदेशभर के डीसी-एसपी की बैठक में हिस्सा लेने के बाद एसपी इल्मा अफरोज छुट्टी पर चली गई थीं. अचानक छुट्टी जाने को लेकर कई सवाल उठे और विपक्ष की ओर से भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया. कहा गया कि एक स्थानीय कांग्रेस नेता के कारण एसपी को छुट्टी पर भेज दिया गया. हालांकि हिमाचल सरकार की ओर से साफ किया गया कि इल्मा अफरोज ने अपनी मां की तबीयत का हवाला देकर छुट्टी ली है.

इसके बाद आईपीएस इल्मा अफरोज ने छुट्टियां बढ़ाने का आवेदन किया और सोशल मीडिया से लेकर सियासी गलियारों तक सरकार पर कई सवाल उठते रहे. आखिरकार 16 दिसंबर 2024 को इल्मा अफरोज ने शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट किया और तबसे अब तक उन्हें पोस्टिंग नहीं दी गई है.

हाइकोर्ट कैसे पहुंचा मामला ?

दरअसल इल्मा अफरोज को बद्दी ना भेजे जाने पर सुच्चा सिंह नाम के शख्स ने एक याचिका हाइकोर्ट में दाखिल कर दी. याचिका में कोर्ट को बताया गया कि बद्दी के स्थानीय लोगों का आग्रह है कि इल्मा अफरोज को फिर से बद्दी एसपी की जिम्मेदारी दी जाए क्योंकि उनके रहते वहां खनन, नशा माफिया पर लगाम लगी थी और उनके एसपी रहते आम जनता खुद को सुरक्षित महसूस किया था. याचिकाकर्ता की ओर से सीमावर्ती इलाके और कानून-व्यवस्था का हवाला दिया गया था.

इसके अलावा याचिका कर्ता के वकील ने बताया कि "हाइकोर्ट पहले भी आदेश जारी कर चुका था कि एसपी इल्मा अफरोज का तबादला बिना कोर्ट की अनुमति के नहीं होना चाहिए. लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों के कारण ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न की गईं की एसपी इल्मा अफरोज को छुट्टी पर जाना पड़ा."

कुल मिलाकर याचिकाकर्ता ने स्थानीय लोगों का हवाला देते हुए इल्मा अफरोज को फिर से एसपी बद्दी बनाने की मांग की है. जिसपर कोर्ट ने डीजीपी और मुख्य सचिव से जवाब तलब किया था. सरकार की ओर से शनिवार की सुनवाई के दौरान साफ किया गया कि आईपीएस इल्मा अफरोज ने खुद ही तबादले की मांग की थी. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 9 जनवरी को होगी.

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