कांगड़ा: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद सियासी दलों की तैयारी उम्मीदवारों की तलाश तक पहुंच चुकी है. हिमाचल में भी चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. चार लोकसभा सीटों वाले प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी में ही सीधी टक्कर रहती है. पिछले 2 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने क्लीन स्वीप करते हुए चारों सीटें अपने नाम की हैं. कांगड़ा लोकसभा सीट, जो कभी कांग्रेस का किला मानी जाती थी. वहां बीते करीब 35 साल में ज्यादातर बीजेपी का परचम लहरा रहा है.
पिछले 9 में से 7 चुनाव में खिला कमल
एक राज्य के रूप में हिमाचल के उभरने से पहले कांगड़ा लोकसभा सीट पंजाब में थी. 1951, 1957 और 1962 के पहले, दूसरे और तीसरे लोकसभा चुनाव में कांगड़ा की सीट पंजाब में थी. 1967 से ये सीट हिमाचल का हिस्सा है. साल 1951 में हुए पहले लोकसभा चुनाव से लेकर 1971 तक कांग्रेस का एक छत्र राज रहा. 1977 में जनता पार्टी की लहर में कांगड़ा का किला भी कांग्रेस के हाथ से निकला था. 1980 और 1984 लोकसभा चुनाव में फिर से कांगड़ा कांग्रेस के 'हाथ' आ गया. लेकिन उसके बाद बीजेपी ने देश की सियासत के साथ कांगड़ा में भी ऐसे कदम जमाए कि 1989 से 2019 तक हुए 9 में से 7 लोकसभा चुनाव कमल के निशान वाला उम्मीदवार जीता. इस दौरान 1996 और 2004 के आम चुनाव में ही कांग्रेस उम्मीदवार को जीत नसीब हुई. पिछले 3 लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी ने जीत की हैट्रिक की है. 2009, 2014 और 2019 में बीजेपी उम्मीदवार को ही कांगड़ा की जनता ने लोकसभा भेजा है.
कांगड़ा सीट का गणित
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की 68 और लोकसभा की 4 सीटें हैं. इस हिसाब से हर लोकसभा क्षेत्र के तहत 17 विधानसभा सीटें आती हैं. कांगड़ा जिले में ही कुल 15 विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें से देहरा और जसवां प्रागपुर को छोड़ सभी कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र में आती हैं. इसके अलावा चंबा जिले की 5 में से 4 विधानसभा सीटें भी कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा हैं. इस तरह देखा जाए को कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र का दायरा पड़ता है. कांगड़ लोकसभा क्षेत्र में चुरह, चंबा, डल्हौजी, भटियात, नूरपुर, इंदौरा, फतेहपुर, ज्वाली, ज्वालामुखी, जयसिंहपुर, सुलह, नगरोटा, कांगड़ा, शाहपुर, धर्मशाला, पालमपुर, बैजनाथ विधानसभा सीटें आती हैं.
पिछले 3 लोकसभा चुनाव से ये सीट लगातार भले बीजेपी की झोली में जा रही है लेकिन साल 2022 मं हुए विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र की 17 में से 12 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. जबकि 5 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवार की जीत हुई थी. मौजूदा वक्त में धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा को राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग के बाद स्पीकर ने 5 अन्य कांग्रेस विधायकों के साथ अयोग्य करार दे दिया था. इन सभी 6 कांग्रेसियों ने अब बीजेपी ज्वाइन कर ली है. चुनाव आयोग ने इन 6 सीटों पर उपचुनाव का भी ऐलान किया है. जो लोकसभा चुनाव के साथ ही 1 जून को होंगे.
लोकसभा चुनाव 2019