मंडी: हिमाचल प्रदेश में भी यूपी की तर्ज पर रेहड़ी-फड़ी वालों की रेहड़ियों पर नेम प्लेट लगाई जा रही हैं. मंडी शहर में रेहड़ी-फड़ी लगाने वालों को नगर निगम ने नेम प्लेट्स जारी कर दी हैं. बता दें कि मस्जिद विवाद के बीच नेम प्लेट्स को लेकर प्रदेश में काफी हो हल्ला हुआ था. कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह का बयान भी काफी चर्चा में रहा था, जिसमें उन्होंने नेम प्लेट्स लगाने की सलाह दी थी.
वैंडिंग कमेटी की बैठक में लिया फैसला
विक्रमादित्य सिंह के इस बयान का मंडी शहर के रेहड़ी-फड़ी धारकों ने समर्थन किया था. हालांकि उस वक्त भी कुछ रेहड़ी-फड़ी धारकों को नेम प्लेट्स जारी हो चुकी थी, लेकिन गत दिनों संपन्न हुई नगर निगम मंडी का टाउन वैंडिंग कमेटी की बैठक में सभी रेहड़ी-फड़ी धारकों को यह नमे प्लेट्स जारी करने का फैसला लिया गया था.
200 से ज्यादा लोगों को नेम प्लेट जारी
नगर निगम मंडी के आयुक्त एचएस राणा ने बताया, "टाउन वैंडिंग एक्ट में नेम प्लेट्स देने का प्रावधान पहले से ही है. शहर में 250 पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी धारक हैं. इनमें से पहले कुछ को ही नेम प्लेट्स जारी हुई थी, लेकिन अब 200 से अधिक लोगों को यह जारी कर दी गई है. बाकी की वेरिफिकेशन का कार्य जारी है और उन्हें भी जल्द ही इसे दे दिया जाएगा."
नेम प्लेट पर रेहड़ी-फड़ी धारक की पूरी जानकारी
आयुक्त एचएस राणा ने कहा कि यह नेम प्लेट्स एक तरह से व्यक्ति की पूरी पहचान को दर्शाती है. वह कहां से है? क्या काम करता है? कितने समय से काम कर रहा है? इस प्रकार की सारी जानकारी उसमें अंकित की गई है. टाउन वैंडिंग एक्ट के तहत हर पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी धारक को एक नंबर जारी किया जाता है और यह नंबर भी उस नेम प्लेट पर लिखा गया है.
रेहड़ी-फड़ी धारकों ने किया फैसले का स्वागत
वहीं, मंडी शहर के रेहड़ी-फड़ी धारकों ने नगर निगम के इस फैसले का स्वागत किया है और छूटे हुए सभी धारकों को भी इसे जल्द से जल्द जारी करने की मांग उठाई है. मंडी शहर के महामृत्युंज्य चौक पर रेहड़ी लगाने वाले मनी राम ने कहा, "नेम प्लेट लगनी जरूरी है, ताकि खरीददार को विक्रेता के बारे में जानकारी मिल सके. इससे हमें भी एक पहचान मिलती है, लेकिन नगर निगम को चाहिए कि इन नेम प्लेट्स को सभी को आबंटित किया जाए और सुविधाओं में भी ईजाफा किया जाए."