प्रयागराज :13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुम्भ से पहले अखाड़ों की छावनी प्रवेश शोभा यात्रा (पेशवाई) की शुरुआत हो गई है. महाकुम्भ 2025 के लिए सबसे पहले पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से राजसी अंदाज में शोभा यात्रा निकाली गई. इस दौरान संन्यासी रथों पर सवार होकर निकले.
यात्रा में जूना अखाड़ा के नागाओं की सेना सबसे आगे चल रही थी और उसके बाद अखाड़े के आचार्य महामंडेलश्वर और मंडलेश्वर के साथ ही अखाड़े के साधु सन्यासी और उनके भक्त भी शामिल थे, वहीं जिस रास्ते ये यात्रा निकल रही थी, रास्ते भर महिलाओं-पुरुषों की भीड़ इन संतों के दर्शन करने के लिए जुटी हुई थी. इसके साथ ही कीडगंज इलाके में तीर्थपुरोहितों की तरफ से जूना अखाड़े के साधु संतों और आचार्य महामंडलेश्वर की आरती उतारकर उनका स्वागत सम्मान किया गया.
धर्म और अध्यात्म की नगरी प्रयागराज में पंच दशनाम जूना अखाड़ा की तरफ से शनिवार को पेशवाई यात्रा निकाली गई. 2025 महाकुंभ की शुरुआत से पहले संख्या के मुताबिक, सबसे बड़े इस अखाड़े के साधु संतों और नागा सन्यासियों के साथ ही महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडलेश्वर भी इस शोभा यात्रा में शामिल थे. गंगा मैया के साथ ही भोलेनाथ के जयघोष के साथ साधुओं की इस सेना ने पेशवाई छावनी प्रवेश यात्रा की शुरुआत की. यात्रा की शुरुआत में सबसे आगे अखाड़े धर्म का प्रतीक ध्वजा को लेकर नागा साधु चल रहे थे. उसके बाद पैदल और घोड़ों पर बैठकर नागाओं की सेना इस यात्रा की अगुवाई कर रहे थे. उनके बाद शस्त्र लिए हुए नागाओं की सेना अस्त्र शस्त्रों से करामात दिखाते हुए प्रतीक स्वरूप प्रदर्शन कर रहे थे.
मेला शिविर में रहकर करेंगे पूजा पाठ :कीडगंज के मौज गिरी आश्रम से शुरू हुई जूना अखाड़ा की ये पेशवाई यात्रा शहर और मेला क्षेत्र से होते हुए संगम तट पर जाएगी. जहां पर त्रिवेणी संगम के तट पर मां गंगा की विधि विधान के साथ पूजा पाठ कर आरती करेंगे. उसके बाद अखाड़े की ये यात्रा संगम से मेला क्षेत्र में बनाये गए शिविर में जाएगी, जहां पर आज से ही धर्म ध्वजा और ईष्टदेव की पूजा पाठ शुरू कर दी जाएगी.