आगरा: बाह क्षेत्र में में शनिवार शाम नजारा एकदम बदला हुआ था. बच्चे, किशोर, किशोरी, युवा, महिला और पुरुष अपने हाथों में भगवा ध्वज लिए और जुबान पर जयश्री राम के नारे लगा रहे थे. लोग हिंदू एकता के नारे लगाते पैदल चल रहे थे तो कार में कथावाचक देवकीनंदन चल रहे थे. दरअसल, बाह स्थित बजरंग आश्रम में श्रीमद्भागवत कथा चल रही है. श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम के बाद शनिवार शाम कथावाचक आचार्य देवकीनन्द ठाकुर ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और अत्याचार के विरोध में सनातन यात्रा निकाली.
जय श्रीराम के जयकारों से गूंजा बाहः सनातन यात्रा में भीड़ का सैलाब उमड़ा. यात्रा में शामिल लोग हम हिंदू एक सब एक हैं, बंगलादिशी भाई बहनों हम तुम्हारे साथ हैं, जय श्रीराम और जय बजरंगबली के संग बांग्लोदश में पीड़ित हिन्दू भाई बहनों के समर्थन में नारेबाजी की. सनातन यात्रा में युवाओं के साथ महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हुए. वहीं, कथावाचक ने इस दौरान कहा कि हमें बांग्लादेशी हिंदुओं तक अत्याचारियों तक संदेश पहुंचाना है. देश और दुनियां के सभी हिंदू एक हैं. जो हमेशा एक दूसरे के सहयोग के लिए साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं अहिंसावादी हैं, शांति प्रिय हैं. इसलिए, हिंदुओं को कमजोर न समझने की भूल न करें.
जब वक्फ बोर्ड तो सनातन बोर्ड क्यों नहींः कथावाचक आचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने कथा में शिशुपाल की वध कथा व सत्संग की महिमा बताई. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र देश में जब वक्फ बोर्ड है तो सनातन बोर्ड क्यों नहीं है. भारत देश तभी बचेगा. जब सनातन धर्म बचेगा. यह आखिरी पीढ़ी है. जो देश और धर्म को बचाने का काम कर सकती है. अगली पीढ़ी में वो सामर्थ्य नहीं दिख रही है, जो देश को बचा सके. मेरी बातों पर विश्वास नहीं तो बांग्लादेश से सीख लें. कुछ षणयंत्रकारियों ने ब्राह्मणों को देश का सबसे बड़ा खलनायक घोषित कर दिया. उन्होंने श्रद्धालुओं से सनातन बोर्ड की मुहिम से जुड़ने का आग्रह किया. कहा कि हर देशवासी के पास यह संदेश जाना चाहिए कि वक्फ बोर्ड की तरह सनातन बोर्ड भी आवश्यक है. जब धर्म बचेगा. तभी भारत देश बचेगा. अन्यथा कुछ और हो जाएगा. शिशुपाल की कथा का वर्णन करते हुए सत्संग का महत्व बताया.
मेरी सनातन और श्रीकृष्ण की पार्टीः कथावाचक ने कहा कि हम पर आरोप लगते हैं कि हम किसी राजनीतिक पार्टी का एजेंडा चला रहे हैं. जबकि, हम कोई राजनीतिक नहीं सनातन एजेंडा चला रहा है. व्यास पीठ सभी के लिए बराबर है. जो हमारा हित चाहेगा, हम उसका हित करेंगे. हम किसी राजनीतिक पार्टी के नहीं बल्कि सनातन और श्रीकृष्ण की पार्टी के है. हमारे सनातनी एजेंडा चलाने पर किसी को दर्द है तो हम अपने प्राण त्याग सकते हैं. परन्तु अपने सनातनी एजेंडे को नहीं त्यागेंगे.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लखनऊ में कैंडल मार्च
वहीं, बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में लखनऊ में मौलाना कल्बे जवाद नकवी की अगुवाई में कैंडल मार्च निकाला गया. मार्च छोटे इमामबाड़े से शुरू होकर मुख्य सड़क पर समाप्त हुआ. मार्च में बड़ी संख्या में लोग हाथ में कैंडल और बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के खिलाफ प्ले कार्ड में नारे लिखे हुए थे. इस दौरान लोगों ने "बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न बंद हो "हिंदू मजलूमों के हम साथ हैं" "बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर जारी जुलम वा अत्याचार बंद हो" जैसे नारे लगाए.
धर्म और जाति के आधार पर हिंसा बर्दाश्त नहींः मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने इस मौके पर कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को लगातार हिंसा और अन्याय का सामना करना पड़ रहा है, जो बेहद निंदनीय है. पाकिस्तान के पाराचिनार में शिया समुदाय और बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को वहां की सरकार की शह के तहत किया जा रहा है. मौलाना ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की अपील की. कल्बे जवाद ने कहा कि धर्म और जाति के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव और हिंसा अस्वीकार्य है. उन्होंने सभी सरकारों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें.