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विदेशी नस्ल के करीब चार हजार डॉग्स की तलाश, लखनऊ नगर निगम ने चलाया अभियान, 35 हजार का लगाया जुर्माना - LUCKNOW NAGAR NIGAM

2023 में विदेशी नस्ल के आठ हजार से ज्यादा डॉग्‍स का हुआ था रजिस्‍ट्रेशन.

पिटबुल डाॅग
पिटबुल डाॅग (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

लखनऊ : लखनऊ नगर निगम इन दिनों शहर के चार हजार विदेशी नस्ल के डॉग्स की तलाश में जुटा है. घरों के चक्कर लगाने के बाद भी बीते वर्ष रजिस्टर हुए ये डॉग्स अब मिल नहीं रहे हैं. दरअसल, नगर निगम में बीते वर्ष रजिस्टर्ड हुए विदेशी नस्ल के डॉग्स के लाइसेंस इस बार अब तक रिन्यू नहीं करवाए गए हैं. ऐसे में अब लखनऊ नगर निगम सड़कों पर टहलने वाले विदेशी डॉग्स की तलाश कर रहा है.



नगर निगम के मुताबिक, 2023 में नगर निगम में विदेशी नस्ल के आठ हजार से ज्यादा डॉग्‍स का रजिस्‍ट्रेशन हुआ था, जबकि इस साल महज 2600 ही रजिस्‍ट्रेशन हुए हैं. नगर निगम के मुताबिक, कुल लाइसेंस में 90% ऐसे डॉग्स के हैं, जिनकी उम्र 2 से 4 वर्ष के बीच है. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारी अब मूल पते पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाने किए लिए कह रहे हैं.


इस मामले में नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के मुताबिक, घर में पाले जाने वाले डॉग का लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को नगर निगम द्वारा सरल बनाया गया है. डॉग पालने वाला व्यक्ति बिना नगर निगम कार्यालय आए ही ऑनलाइन ही नया लाइसेंस बनवाने के साथ ही रिन्यू करवा सकता है. इसके लिए आवेदक को lmc.up.nic.in पर जाकर आवेदन करना होगा. पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि, यदि किसी को भी ऑनलाइन लाइसेंस अप्लाई करने में समस्या आती है तो वह नगर निगम मुख्यालय आकर ऑफ लाइन लाइसेंस भी बनवा सकता है.



पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि, विदेशी नस्ल के डॉग्स का लाइसेंस एक हजार और देसी का दो सौ रुपये में बन जाता है. जागरूकता अभियान चलाने और कार्रवाई के डर से लोग नए लाइसेंस तो बढ़-चढ़कर बनवा रहे, लेकिन उन्हें रिन्यू कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है.


पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि शनिवार को लखनऊ नगर निगम ने डॉग्स के लाइसेंस न बनवाने और रिन्यू नहीं करवाने वालों के खिलाफ अभियान भी चलाया. इस दौरान 7 लोगों से 35 हजार का जुर्माना और दो डॉग्स को जब्त किया गया. जिसमें एक लैब्राडोर और एक पग शामिल है. पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि, जो आवारा डॉग्स को संरक्षण देते हैं हम उनसे उसका लाइसेंस लेने के लिए कहते हैं. इसके अलावा यदि कोई डाॅग्स को गोद लेने के लिए कहता है तो इनके स्वास्थ्य सुविधा से लेकर, वैक्सीनेशन पर होने वाले सभी तरह के खर्च से जुड़ी एक निर्धारित धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी. बस इसके लिए नगर निगम में सूचित कर इसका लाइसेंस बनवाना होगा.

लखनऊ : लखनऊ नगर निगम इन दिनों शहर के चार हजार विदेशी नस्ल के डॉग्स की तलाश में जुटा है. घरों के चक्कर लगाने के बाद भी बीते वर्ष रजिस्टर हुए ये डॉग्स अब मिल नहीं रहे हैं. दरअसल, नगर निगम में बीते वर्ष रजिस्टर्ड हुए विदेशी नस्ल के डॉग्स के लाइसेंस इस बार अब तक रिन्यू नहीं करवाए गए हैं. ऐसे में अब लखनऊ नगर निगम सड़कों पर टहलने वाले विदेशी डॉग्स की तलाश कर रहा है.



नगर निगम के मुताबिक, 2023 में नगर निगम में विदेशी नस्ल के आठ हजार से ज्यादा डॉग्‍स का रजिस्‍ट्रेशन हुआ था, जबकि इस साल महज 2600 ही रजिस्‍ट्रेशन हुए हैं. नगर निगम के मुताबिक, कुल लाइसेंस में 90% ऐसे डॉग्स के हैं, जिनकी उम्र 2 से 4 वर्ष के बीच है. ऐसे में नगर निगम के कर्मचारी अब मूल पते पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाने किए लिए कह रहे हैं.


इस मामले में नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा के मुताबिक, घर में पाले जाने वाले डॉग का लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को नगर निगम द्वारा सरल बनाया गया है. डॉग पालने वाला व्यक्ति बिना नगर निगम कार्यालय आए ही ऑनलाइन ही नया लाइसेंस बनवाने के साथ ही रिन्यू करवा सकता है. इसके लिए आवेदक को lmc.up.nic.in पर जाकर आवेदन करना होगा. पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि, यदि किसी को भी ऑनलाइन लाइसेंस अप्लाई करने में समस्या आती है तो वह नगर निगम मुख्यालय आकर ऑफ लाइन लाइसेंस भी बनवा सकता है.



पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि, विदेशी नस्ल के डॉग्स का लाइसेंस एक हजार और देसी का दो सौ रुपये में बन जाता है. जागरूकता अभियान चलाने और कार्रवाई के डर से लोग नए लाइसेंस तो बढ़-चढ़कर बनवा रहे, लेकिन उन्हें रिन्यू कराने वालों की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है.


पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि शनिवार को लखनऊ नगर निगम ने डॉग्स के लाइसेंस न बनवाने और रिन्यू नहीं करवाने वालों के खिलाफ अभियान भी चलाया. इस दौरान 7 लोगों से 35 हजार का जुर्माना और दो डॉग्स को जब्त किया गया. जिसमें एक लैब्राडोर और एक पग शामिल है. पशु कल्याण अधिकारी ने बताया कि, जो आवारा डॉग्स को संरक्षण देते हैं हम उनसे उसका लाइसेंस लेने के लिए कहते हैं. इसके अलावा यदि कोई डाॅग्स को गोद लेने के लिए कहता है तो इनके स्वास्थ्य सुविधा से लेकर, वैक्सीनेशन पर होने वाले सभी तरह के खर्च से जुड़ी एक निर्धारित धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी. बस इसके लिए नगर निगम में सूचित कर इसका लाइसेंस बनवाना होगा.

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