रांचीः झारखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही हेमंत सरकार सौगातों की झड़ी लगा दी है. जिसके तहत मंगलवार 01 अक्टूबर को राज्य के जल सहियाओं के मानदेय में की गई वृद्धि राशि को मुख्यमंत्री ने जारी किया. इसके साथ ही मोबाइल-टैब खरीद के लिए देय 12 हजार की राशि प्रत्येक सहिया बहनों को जारी कर उनसे भविष्य में इसे याद रखने की अपील की गई.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान जल सहियाओं को साल में दो बार दी जाने वाली निशुल्क साड़ियों को भी सांकेतिक रुप से देकर इसकी शुरुआत की. बता दें कि राज्य में 29 हजार जल सहिया हैं. जिनका मानदेय बढाते हुए हेमंत सरकार ने एक हजार के स्थान पर दो हजार कर दिया है.
सरकारी कार्यक्रम में दिखा चुनावी रंग
वैसे तो यह सरकारी कार्यक्रम था मगर इस पर चुनावी रंग चढ़ा दिखा. राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अलावा उनकी पत्नी और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन अपने संबोधन के जरिए जल सहियाओं से ना केवल आशीर्वाद मांगा. बल्कि यहां तक पूछा कि सरकार बढ़िया काम कर रही है, जवाब में मिला हां, आप लोग खुश हैं तो जवाब मिला हां और अंत में आपलोगों का आशीर्वाद रहेगा तो जल सहियाओं ने कहा हां.
इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जहां अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाई, वहीं केंद्र पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आपकी सरकार रांची से नहीं बल्कि गांव से चलती है. 24 साल के इस झारखंड में 19-20 साल भाजपा की सरकार रही है. इसमें महिला सशक्तिकरण के लिए मात्र 600 करोड़ खर्च किए गए जबकि आपकी सरकार ने महज चार सालों में 12000 करोड़ से अधिक की राशि वितरित की है.
सीएम ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि कुछ लोग देश को मजबूत करने की बात करते हैं और विकसित भारत बनाने की सोच रहे हैं लेकिन जब तक गांव मजबूत नहीं होगा तब तक यह संभव कैसे हैं गांव की हालत बद से बदतर होती जा रही है. हकीकत यह है कि आज भी देश के 80 करोड़ लोग सरकारी अनाज पर जीते हैं और लोग विकसित भारत का भजन कीर्तन करते हैं. आज महंगाई आसमान छू रहा है हर चीज महंगी हो चुकी हैं. सरसों तेल का वही हाल है साग सब्जी का भी वही हाल है पेट्रोल डीजल की बात तो छोड़िए गैस सिलेंडर भी हजार रुपए से ऊपर में मिलता है.