बोकारो:झारखंड विधानसभा चुनाव में बोकारो जिले में एनडीए को पूरी तरह से निराशा हाथ लगी है. जिले के चारों विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन की जीत हुई है तो वहीं एनडीए का यहां से सफाया हो गया. जनता ने पूरी तरह से एनडीए को नकार दिया है. जानकार इस हार का कारण जेएलकेएम पार्टी का आना बता रहे हैं. बोकारो जिले की तीन सीट गोमिया, बेरमो और चंदनकियारी में जेएलकेएम के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे. वहींं, एनडीए के प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. एक तरफ एनडीए खेमा में शांति थी तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन में खुशी की लहर.
बोकारो में 2009 के बाद कांग्रेस पार्टी ने जीत हासिल की है. चुनाव जीतने वाली श्वेता सिंह पिछले चुनाव में 99000 मत लाकर दूसरे स्थान पर रही थी. इस बार उन्हें जीत हासिल हुई है. उन्होंने बीजेपी के बिरंची नारायण को हराया है. बेरमो में कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेंद्र सिंह के असामयिक निधन के बाद उनके पुत्र ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. लगभग साढ़े तीन साल विधायक रहे और फिर से दूसरी बार चुनाव मैदान में थे. उन्होंने दूसरी बार जीत हासिल की है.
आजसू के दिग्गज नेता रहे उमाकांत रजक 2009 में पहली बार विधायक बने. हालांकि 2014 और 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. दोनों चुनाव उन्होंने आजसू पार्टी से लड़ा था. इसके बाद साल 2024 में वो आजसू का दामन छोड़कर जेएमएम में शामिल हुए और जीत हासिल की. उन्होंने बीजेपी में नेता प्रतिपक्ष रहे अमर कुमार बाउरी को हराया.