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'वक्फ बोर्ड के मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति में पारदर्शता लाई जाए', जानें किसने की सीएम सिद्धारमैया से हस्तक्षेप की मांग - ACTIVIST SYED ASHRAF

मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ ने वक्फ बोर्ड के मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति में पारदर्शता लाने के लिए मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग

Activist Syed Ashraf
मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 16, 2025, 6:01 PM IST

बेंगलुरु: मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ ने कर्नाटक के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमीर अहमद खान पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने अनवर बाशा को कर्नाटक वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करने में हस्तक्षेप किया, जबकि उनके (अनवर बाशा) खिलाफ जमीन अतिक्रमण के आरोप हैं.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अशरफ ने दावा किया कि राजनीतिक हस्तक्षेप वक्फ बोर्ड और अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों की अखंडता से समझौता कर रहा है.

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के लिए सोमवार 17 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अशरफ और केपीसीसी उपाध्यक्ष ओबैदुल्ला शरीफ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से हस्तक्षेप करने और एक साफ छवि वाले उम्मीदवार का चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, न कि अनवर बाशा जैसे राजनीतिक कठपुतली का, जिस पर अतिक्रमण के गंभीर आरोप हैं.

Activist Syed Ashraf
मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ (ETV Bharat)

कब्रिस्तान की पर अतिक्रमण का आरोप
अशरफ ने आरोप लगाया कि अनवर बाशा ने चित्रदुर्ग में एक कब्रिस्तान की 2.5 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया है, जहां एक घर और कॉलेज बनाया गया है. निर्माण के दौरान कथित तौर पर मानव कंकाल के अवशेष पाए गए थे. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति पर विचार क्यों किया जा रहा है और साथ ही उन्होंने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग भी की.

उन्होंने जमीर अहमद खान पर अल्पसंख्यक मामलों के विभाग में अपने सहयोगियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने का आरोप लगाया, जो योग्यता और संवैधानिक सिद्धांतों की अनदेखी है. अशरफ ने जोर देकर कहा, "वक्फ बोर् पूरेड समुदाय का है, किसी मंत्री का नहीं. इसका नेतृत्व किसी ईमानदार व्यक्ति को करना चाहिए."

निष्पक्ष चयन प्रक्रिया सुनिश्चित हो
ओबैदुल्ला शरीफ ने मुख्यमंत्री से आपराधिक बैकग्राउंड वाले व्यक्तियों को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनने से रोकने का भी आह्वान किया. अशरफ ने दोहराया कि मुद्दा लोगों का नहीं बल्कि निष्पक्ष और राजनीतिक रूप से स्वतंत्र चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने का है.

उन्होंने कहा, "हम भूमि हड़पने के आरोपों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं कर सकते." दोनों कार्यकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई और सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने का आग्रह किया.

यह भी पढ़ें- मस्जिद बंदर इलाके की 12 मंजिला इमारत में भीषण आग, दो महिलाओं की मौत

बेंगलुरु: मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ ने कर्नाटक के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री जमीर अहमद खान पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि मंत्री ने अनवर बाशा को कर्नाटक वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त करने में हस्तक्षेप किया, जबकि उनके (अनवर बाशा) खिलाफ जमीन अतिक्रमण के आरोप हैं.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अशरफ ने दावा किया कि राजनीतिक हस्तक्षेप वक्फ बोर्ड और अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों की अखंडता से समझौता कर रहा है.

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के लिए सोमवार 17 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए अशरफ और केपीसीसी उपाध्यक्ष ओबैदुल्ला शरीफ ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से हस्तक्षेप करने और एक साफ छवि वाले उम्मीदवार का चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, न कि अनवर बाशा जैसे राजनीतिक कठपुतली का, जिस पर अतिक्रमण के गंभीर आरोप हैं.

Activist Syed Ashraf
मानवाधिकार कार्यकर्ता सैयद अशरफ (ETV Bharat)

कब्रिस्तान की पर अतिक्रमण का आरोप
अशरफ ने आरोप लगाया कि अनवर बाशा ने चित्रदुर्ग में एक कब्रिस्तान की 2.5 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया है, जहां एक घर और कॉलेज बनाया गया है. निर्माण के दौरान कथित तौर पर मानव कंकाल के अवशेष पाए गए थे. उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे व्यक्ति पर विचार क्यों किया जा रहा है और साथ ही उन्होंने चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग भी की.

उन्होंने जमीर अहमद खान पर अल्पसंख्यक मामलों के विभाग में अपने सहयोगियों को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त करने का आरोप लगाया, जो योग्यता और संवैधानिक सिद्धांतों की अनदेखी है. अशरफ ने जोर देकर कहा, "वक्फ बोर् पूरेड समुदाय का है, किसी मंत्री का नहीं. इसका नेतृत्व किसी ईमानदार व्यक्ति को करना चाहिए."

निष्पक्ष चयन प्रक्रिया सुनिश्चित हो
ओबैदुल्ला शरीफ ने मुख्यमंत्री से आपराधिक बैकग्राउंड वाले व्यक्तियों को वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष बनने से रोकने का भी आह्वान किया. अशरफ ने दोहराया कि मुद्दा लोगों का नहीं बल्कि निष्पक्ष और राजनीतिक रूप से स्वतंत्र चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करने का है.

उन्होंने कहा, "हम भूमि हड़पने के आरोपों का सामना कर रहे उम्मीदवारों को स्वीकार नहीं कर सकते." दोनों कार्यकर्ताओं ने वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई और सरकार से पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने का आग्रह किया.

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