पटना: केंद्र में जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन है और एनडीए की सरकार सत्ता का संचालन कर रही है. बिहार के अंदर भी भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन है. लेकिन जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू की राहें अलग-अलग दिख रही है. जनता दल यूनाइटेड ने वहां पांच सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का फैसला लिया है.
जदयू के हिसाब से 'पत्थरबाज' राजनीतिक बंदी : जनता दल यूनाइटेड की ओर से मेनिफेस्टो भी जारी कर दिया गया है. मेनिफेस्टो के मुताबिक जेडीयू ने बीजेपी से अलग स्टैंड लिया है. मेनिफेस्टो में कहा गया है कि जेडीयू कश्मीर के उन लोगों को रिहा करने में मदद करेगी जो पत्थरबाजी के मामले में जेल में बंद हैं. जनता दल यूनाइटेड ने पत्थरबाजों को राजनीतिक कैदी की श्रेणी में रखा है. घोषणा पत्र में यह भी कहा गया है कि पत्थरबाजी के मामले की समीक्षा की जाए और शांति को बढ़ावा देने के लिए पत्थर बाजों की रिहाई के लिए पहल किया जाए.
राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए जदयू का संघर्ष: आपको बता दें कि जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रही है. जनता दल यूनाइटेड को फिलहाल तीन राज्यों में राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा मिल चुका है. एक और राज्य में अगर पार्टी को राज्य स्तर का दर्जा मिल जाता है तब वैसी स्थिति में जदयू को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिल जाएगा.
जम्मू जेडीयू का स्टैंड : जम्मू कश्मीर इकाई के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जीएम शाहीन के मुताबिक हमारी जानकारी में 840 से अधिक ऐसे मामले हैं, जिसके तहत पत्थरबाज जेल के अंदर हैं. इस बाबत पार्टी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया है और समीक्षा की बात कही गई है. बिहार में जदयू नेता इस मसले पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने इस मसले पर जहां कुछ भी बोलने से इनकार किया.