करनाल : कृष्ण जन्माष्टमी पर आज देश भर में हर्षोल्लास देखने को मिल रहा है. कान्हा के जन्म को लेकर हर कोई उत्साहित है. लोगों ने आज व्रत भी रखा हुआ है. मध्यरात्रि में जन्माष्टमी की पूजा की जाएगी जिसे करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. लेकिन इस दौरान शुभ मुहूर्त का खास ख्याल रखना जरूरी है. जानिए कि जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त क्या है और पूरी पूजन विधि क्या है.
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त जानिए :जन्माष्टमी के दिन मंदिरों और घरों की सजावट की जाती है और श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी खूबसूरत झांकियां लगाई जाती है. माना जाता है कि जन्माष्टमी पर विधि के मुताबिक पूजा-पाठ करने से घर में सुख-शांति आती है और लोगों में जीवन में सफलता की प्राप्ति होती है. भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था. अष्टमी तिथि आज सुबह 3:39 मिनट पर शुरू हो चुकी है और इसका समापन 27 अगस्त की मध्यरात्रि में 2:19 मिनट पर होगा. ज्योतिषियों के मुताबिक कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजन का शुभ मुहूर्त 27 अगस्त की रात 12 बजे से देर रात 12:44 मिनट तक है.
कृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग :श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग का संयोग भी देखने को मिल रहा है. कहा जाता है कि जो शख्स इस योग में जन्माष्टमी का व्रत रखता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद भी मिलता है.
जन्माष्टमी पर पूजन विधि जानिए : जन्माष्टमी पर कान्हा के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा के लिए एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाएं और लड्डू गोपाल की मूर्ति या तस्वीर को उस पर रखें. इसके बाद पूजा की थाली में जल, धूप, फूल, दीपक, कुमकुम, चंदन रख लें. इसके बाद भगवान को भोग लगाने के लिए भी थाली की तैयारी कर लें और उसमें पंचामृत, फल, पंजीरी, नारियल, मिठाई रख लें. श्रीकृष्ण का जन्म होने के बाद सबसे पहले लड्डू गोपाल को दूध, दही, घी, शहद, जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कराएं. फिर कान्हा के माथे पर चंदन लगाने के बाद उन्हें साफ और सुंदर वस्त्र पहना दें. इसके बाद उनके सिर पर मुकुट और हाथ में छोटी सी बांसुरी सजा दें और फिर लड्डू गोपाल की अच्छे से पूरी श्रद्धा के साथ आरती करें.