चंडीगढ़: हंगामे के बाद चंडीगढ़ मेयर ने बिजली के अतिरिक्त शुल्क लगाने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है. दरअसल चंडीगढ़ नगर निगम ने बिजली पर उच्च शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा था. जिसके बाद तमाम राजनीतिक नेताओं और बड़ी हस्तियों ने इसका विरोध किया. बढ़ते विरोध को देखते हुए चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर कुलदीप कुमार ने बिजली के अतिरिक्त शुल्क लगाने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है.
चंडीगढ़ में बिजली बिलों पर नहीं लगेगा सर चार्ज: मतलब ये कि अब चंडीगढ़ में बिजली बिलों पर किसी भी तरह का सर चार्ज नहीं लगेगा. इस मुद्दे पर चंडीगढ़ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एचएस लक्की ने बताया कि चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस आज भी अपने वादे पर खड़ी है कि शहर वासियों पर किसी भी तरह का नया टैक्स नहीं लगेगा. चंडीगढ़ नगर निगम ने बिजली की दरों को बढ़ाने के फैसला लिया था. जिसका कांग्रेस ने विरोध किया.
विरोध के चलते प्रस्ताव वापस: एचएस लक्की ने बताया कि कांग्रेस के पार्षदों ने भी इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए मेयर पर दबाव बनाया. जिसे मानते हुए चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर ने बिजली दरों को बढ़ाने का फैसला वापस ले लिया है. ऐसे में 23 नवंबर को नगर निगम की बैठक में इस एजेंडे को खारिज कर दिया जाएगा. चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अगर चंडीगढ़ नगर निगम ने जनता पर अगर किसी और तरह का टैक्स लगाया, तो इस फैसले का कांग्रेस के सभी पार्षद विरोध करेंगे.
आप पार्टी के नेता ने उठाए सवाल: आम आदमी पार्टी के नेता प्रेम गर्ग ने इस मुद्दे पर कहा कि आम आदमी पार्टी ने 16 दिसंबर 2021 को घोषणापत्र जारी कर मुफ्त पानी, मुफ्त बिजली और मुफ्त पार्किंग का वादा किया. इस वादे ने नगर निगम चुनाव में पार्टी को 14 सीटें दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि जब चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी का मेयर है, तो बिजली पर उच्च शुल्क लगाने का कोई भी प्रस्ताव इन वादों से पीछे हटने और जनता के विश्वास को तोड़ने जैसा होगा.
वित्तीय जरूरतों को पूरा करने का सुझाव: गर्ग ने जोर देकर कहा कि शहर की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए जनता पर बोझ डाले बिना भी समाधान निकाला जा सकता है. उन्होंने कहा "राजस्व बढ़ाने और फिजूलखर्ची को रोकने के सैकड़ों उपाय हैं. नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालने के बजाय, नगर निगम को अवैध और अनियमित जल कनेक्शनों और डिस्कनेक्ट मीटरों से बकाया राशि वसूलने पर ध्यान देना चाहिए."
राजस्व बढ़ाने के लिए उपाय: गर्ग ने बताया कि कॉलोनियों में कई परिवार बिना मीटर के नगर निगम की पाइपलाइनों से पानी ले रहे हैं और वर्षों से एक भी रुपया नहीं चुका रहे हैं. मीटर लगाने और बकाया वसूलने से नगर निगम प्रति वर्ष बड़ी मात्रा में राजस्व अर्जित कर सकता है. इसके अलावा डिस्कनेक्टेड मीटरों से लंबित बकाया राशि को एक व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रक्रिया के माध्यम से वसूल किया जाना चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि जल मीटर लगाना मोबाइल कनेक्शन प्राप्त करने जितना सरल बनाया जाना चाहिए, ताकि हर व्यक्ति ईमानदारी से अपना योगदान दे सके.