हैदराबाद: फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीय निवेशकों के बीच एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है, खासतौर पर वे लोग जो अपनी बचत पर अच्छा और सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं. इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण यह है कि फिक्स्ड डिपॉजिट आमतौर पर बचत खातों से अधिक ब्याज दर प्रदान करती है. इसके अतिरिक्त, वरिष्ठ नागरिकों को अधिक ब्याज दर का लाभ मिलता है, जिससे यह उनके लिए एक आकर्षक विकल्प बनता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों का निर्धारण
फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें जमाराशि की अवधि पर निर्भर करती हैं. सामान्य तौर पर, लंबी अवधि की एफडी पर अधिक ब्याज दर प्राप्त होती है, जबकि छोटी अवधि की एफडी पर ब्याज दर अपेक्षाकृत कम होती है.
टॉप बैंकों द्वारा दी जाने वाली नवीनतम ब्याज दरें (दिसंबर 2024 तक)
एचडीएफसी बैंक
- आम नागरिकों के लिए: 5 साल की अवधि पर 7.4% ब्याज.
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए: 7.9% ब्याज.
कोटक महिंद्रा बैंक
- 390-391 दिनों की जमा अवधि पर आम नागरिकों को 7.4% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.9% ब्याज.
- ये दरें 14 जून, 2024 को लागू हुईं.
फेडरल बैंक
- 777 दिनों की एफडी पर आम नागरिकों के लिए 7.4% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.9%
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)
- 2-3 साल की एफडी पर आम नागरिकों को 7% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.5% ब्याज.
- ये दरें 15 जून, 2024 से प्रभावी.
कर्नाटक बैंक
- आम नागरिकों को 7.50% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.75% ब्याज.
बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB)
- 400 दिनों की अवधि पर 7.3% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 7.8% ब्याज.
- ये ब्याज दरें 14 अक्टूबर 2024 को घोषित हुईं.
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- 456 दिनों की एफडी पर आम नागरिकों को 7.3% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.8% ब्याज.
आरबीएल बैंक
- आम नागरिकों के लिए 8% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.50% ब्याज.
बंधन बैंक
- बंधन बैंक सामान्य ग्राहकों के लिए 8.05% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.55% ब्याज प्रदान करता है. बंधन बैंक को RBI द्वारा अनुसूचित निजी क्षेत्र के बैंक के रूप में वर्गीकृत किया गया है. जिसका मुख्यालय कोलकाता में है.
इंडसइंड बैंक
- सामान्य नागरिकों के लिए 7.99% और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 8.49% ब्याज.
एफडी का चुनाव करते समय ध्यान देने योग्य बात
सावधि जमा न केवल बचत को सुरक्षित रखने का एक माध्यम है, बल्कि बेहतर रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए भी उपयोगी है. हालांकि, एफडी चुनते समय ब्याज दरों के अलावा अन्य पहलुओं पर भी विचार करना ज़रूरी है, जैसे
1. नई नियमावली और विशेष प्रावधान
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस फर्मों के लिए सावधि जमा को लेकर संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं.
छोटी जमाराशियों के लिए दंड-मुक्त निकासी: छोटे निवेशकों को ₹10,000 से कम राशि की समयपूर्व निकासी पर बिना किसी दंड का लाभ मिलेगा.
गंभीर बीमारी खंड: गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को समय से पहले पूरी एफडी राशि निकालने की अनुमति दी गई है.
2. समयपूर्व निकासी और जुर्माना
हालांकि एफडी में पैसा एक निश्चित अवधि के लिए जमा किया जाता है, लेकिन समय से पहले निकासी की सुविधा कई बैंकों द्वारा दी जाती है. परंतु, यह ध्यान रखना चाहिए कि अधिकांश बैंक इस पर जुर्माना लगाते हैं. समयपूर्व निकासी पर जुर्माना आमतौर पर 0.5% से 1% के बीच होता है. यह जुर्माना एफडी की ब्याज दर में कटौती के रूप में लागू होता है.
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