कैथल: हरियाणा के कैथल कोर्ट ने रिश्वत मांगने के मामले में पुलिस के एएसआई सुखबीर सिंह को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दोषी को चार साल कैद सहित 30 हजार रुपये जुर्माना भरने की भी सजा सुनाई है. जबकि इसी केस में एक अन्य एसआई धर्मपाल को बरी कर दिया गया है.
हजारों रुपये रिश्वत की मांग: इस बारे में शमशेर सिंह निवासी चीका ने एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला में भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम की धारा 7 के तहत 4 अक्टूबर 2022 को केस दर्ज करवाया था. धर्मपाल के वकील सचिन जैन ने बताया कि चीका पुलिस ने 2 अक्टूबर 2022 को चीका निवासी सिंगारा सिंह के खिलाफ एनडीपीएस की धारा 15-बी के तहत केस दर्ज कराया था. इस केस में पुलिस ने सिंगारा सिंह को गिरफ्तार किया. आरोपी ने रिश्वत में 60 हजार रुपये की मांग की थी.
पुलिसकर्मियों ने की रिश्वत की डिमांड: इसके बाद सिंगारा सिंह का बेटा शमशेर सिंह थाना चीका में गया तो वहां पर एएसआई धर्मपाल और एएसआई सुखबीर सिंह ने उससे कहा कि तेरा नाम भी हमें धारा 29 केस में डालना है. अगर बचना है तो हमें 60 हजार रुपये दे. इस पर शमशेर घबरा गया और उसी शाम उनको 45 हजार रुपये दे आया. इसके बाद दोनों पुलिसकर्मी शमशेर से 10 हजार रुपये मांगने लगे. शमशेर ने कहा कि पैसे थोड़े कम कर लो तो एसआई धर्मपाल व एएसआई सुखबीर सिंह ने कहा कि 8 हजार रुपये दे दो. इसकी शिकायत शमशेर ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो कुरुक्षेत्र से कर दी.
एक दोषी करार, दूसरा बरी: एसीबी ने योजनाबद्ध तरीके से शमशेर को 8 हजार रुपये देकर धर्मपाल व सुखबीर के पास भेजा, ताकि उन्हें रंगे हाथों पकड़ा जा सके. इस तरह केस में फंसाने का डर दिखाकर रिश्वत मांगने के आरोप में धर्मपाल व सुखबीर को गिरफ्तार किया गया. एसीबी ने चालान तैयार करके अदालत में पेश कर दिया. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद एएसआई सुखबीर को रिश्वत का दोषी पाया. तथा उसे चार साल के कारावास तथा 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. एसआई धर्मपाल को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया गया.
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