नई दिल्ली: केन्या सरकार ने अडाणी समूह के साथ हवाईअड्डा और ऊर्जा समझौते को रद्द कर दिया. इस डील रद्द से पहले गौतम अडाणी पर न्यूयॉर्क में अरबों डॉलर की कथित रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी योजना में उनकी भूमिका के लिए अभियोग लगाया गया था.
अमेरिकी अभियोजकों ने कहा कि गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडानी सहित सात अन्य ने 20 सालों में 2 बिलियन डॉलर का अनुबंध प्राप्त करने और भारत की सबसे बड़ी सौर एनर्जी प्लांट परियोजना विकसित करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने पर सहमति व्यक्त की.
केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा कि उन्होंने संबंधित एजेंसियों को नैरोबी के जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (जेकेआईए) और अडाणी समूह के साथ एक सरकारी स्वामित्व वाली बिजली सेवा से संबंधित चल रही खरीद प्रक्रिया को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया है. राष्ट्र के नाम संबोधन में रूटो ने कहा कि यह निर्णय हमारी जांच एजेंसियों और साझेदार देशों द्वारा दी गई नई जानकारी के आधार पर लिया गया है. हालांकि, उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका का नाम नहीं लिया, एसोसिएटेड प्रेस ने रिपोर्ट किया.
एएफपी ने रूटो के हवाले से कहा कि भ्रष्टाचार के बारे में विश्वसनीय जानकारी मिलने पर मैं निर्णायक कार्रवाई करने में संकोच नहीं करूंगा. अडाणी समूह एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में था, जिसके तहत नैरोबी में केन्या के मुख्य हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिसमें एक अतिरिक्त रनवे और टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा, जिसके बदले में समूह 30 वर्षों तक हवाई अड्डे का संचालन करेगा.