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Rajasthan: JJM Scam : ईडी अपनी जांच में कमी रखती है क्या ? सब जानते हैं यह क्यों और कैसे हो रहा है- महेश जोशी

जल जीवन मिशन घोटाले में एसीबी ने महेश जोशी के साथ ही विभाग के कई अधिकारियों, ठेकेदारों के खिलाफ नया मुकदमा दर्ज किया है.

जल जीवन मिशन घोटाला
जल जीवन मिशन घोटाला (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 5, 2024, 7:08 PM IST

जयपुर : राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव के बीच पीएचईडी में जल जीवन मिशन घोटाले का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है. अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जल जीवन मिशन घोटाले को लेकर नया मुकदमा दर्ज किया है. इसमें पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी के साथ ही विभाग के कई अधिकारियों, ठेकेदारों, फर्मों और निजी व्यक्तियों के भी नाम हैं. एफआईआर में नाम आने के बाद पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि टेंडर में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है. फर्जी प्रमाण पत्र की अगर बात है तो एजेंसी जांच करे. साथ ही उन्होंने कहा कि ईडी अपनी जांच में कोई कमी रखती है क्या ? उन्हीं मुद्दों पर अब एसीबी जांच कर रही है. हालांकि, उन्हें इससे भी कोई एतराज नहीं है. उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो वे जाएंगे. उन्होंने भरोसा जताया कि जांच में उनकी भ्रष्टाचार में कोई लिप्तता सामने नहीं आएगी. मीडिया से बातचीत में डॉ. महेश जोशी ने कहा, 'मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की एफआईआर में मेरा भी नाम है. हालांकि, मैंने अभी एफआईआर देखी नहीं है'.

जिन फर्मों का जिक्र, हमने खुद उन पर कार्रवाई की :महेश जोशी बोले कि टेंडरों में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है. एक निश्चित प्रक्रिया होती है, जिसके तहत ऑनलाइन टेंडर होते हैं, उस प्रक्रिया की पूरी पालना होती है. इसके बाद ही वर्क ऑर्डर दिए जाते हैं. जिन फर्मों का जिक्र एफआईआर में सामने आया है. हमने तो खुद उनके खिलाफ कार्रवाई की है. जब वह मंत्री थे तो उन फर्मों को ब्लैक लिस्टेड किया गया. उनका भुगतान रोका गया और वर्क ऑर्डर भी कैंसिल किए गए.

पूर्व पीएचईडी मंत्री डॉ. महेश जोशी (ETV Bharat Jaipur)

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पंत-अग्रवाल जैसे अधिकारी एसीएस रहे :पूर्व मंत्री जोशी ने कहा कि एक अधिशासी अभियंता, जिसने गलती की थी, उसे उनके मंत्री रहते सस्पेंड भी किया गया. इतनी कार्रवाई संभवतः पीएचईडी में पहले कभी नहीं हुई, जितनी उनके मंत्री रहते की गई. जिन प्रमाण पत्रों की (फर्जी होने की) बात है, वे जांच करें. सर्टिफिकेट की जांच और टेंडर फाइनल करने में मंत्री की कोई भूमिका नहीं होती है. सुधांश पंत भी पीएचईडी में एसीएस रहे, जो आज मुख्य सचिव हैं. सुबोध अग्रवाल भी एसीएस रहे. ये इतने वरिष्ठ अधिकारी हैं कि इनसे कोई ये उम्मीद करे कि ये कोई गलती कर देंगे, ऐसा संभव नहीं है.

पूछताछ के लिए बुलाएंगे तो जाऊंगा :महेश जोशी बोले कि उनका यह मानना है कि टेंडरों में कोई गलती होनी नहीं चाहिए. फिर भी कोई संदेह है तो निष्पक्ष जांच हो, जो सच्चाई है, वो सामने आएगी. जोशी ने कहा कि 'ईडी अपनी जांच में कोई कमी रखती है क्या ? उन्हीं मुद्दों पर आप एसीबी में जांच कर रहे हैं. हालांकि, मुझे इससे भी कोई एतराज नहीं है. मैंने कभी भी जांच एजेंसियों पर कोई प्रश्न चिह्न नहीं लगाया है. मुझे पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा तो निश्चित रूप से जाऊंगा. पूरा सहयोग करूंगा'.

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सच्चाई जनता को भी बताऊंगा :महेश जोशी बोले कि जो सच्चाई है, वो जांच एजेंसियों को बताऊंगा. वो सारी बातें जो जो मुझसे पूछी जाएंगी या जो नहीं पूछी जाएंगी, लेकिन मुझे लगेगा कि कोई बात पूछी जानी चाहिए, वो सभी बातें मीडिया के माध्यम से जनता के सामने भी लेकर जाऊंगा. दबाव की राजनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह सब अच्छी तरह से जानते हैं कि यह क्यों हो रहा है और कैसे हो रहा है. जनता देख रही है. जनता जानती है कि यह सब कार्रवाइयां क्यों हो रही हैं?.

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