शिमला:परिवहन निगम द्वारा टैक्सियों के किराए में वृद्धि की गई है. इस फैसले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है और सरकार से इस फैसले को वापिस लेंगे की मांग कर रहे है. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने टैक्सियों के किराए में पचास फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. यह फैसला आम आदमी के खिलाफ है, इसके बाद सरकार अब बसों के किराए में भी बढ़ोतरी करने की तैयारी कर ली है। इसका प्रस्ताव हाल ही संपन्न हुई निदेशक मंडल की बैठक में आ चुका है.
जयराम ठाकुर ने कहा, "एचआरटीसी आम आदमी की सवारी है. आम आदमी ही एचआरटीसी में सफर करता है. जब से नई सरकार सत्ता में आई है. तब से हर दिन एचआरटीसी अपने जनविरोधी फैसलों की वजह से चर्चा में है. आए दिन सरकार की तरफ से कोई न कोई ऐसा फैसला लिया जा रहा है, जो हिमाचल प्रदेश के आम लोगों के लिए हितकर नहीं है. सरकार प्रदेश के लोगों को किराए के बोझ से दबाने का काम कर रही है. इसलिए सरकार को यह फैसला वापस लेना चाहिए".
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अखबारों में छपी खबर के अनुसार एचआरटीसी के निदेशक मंडल की बीते शनिवार शिमला में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि बसों के न्यूनतम किराया पांच रुपये से दोगुना यानी 10 रुपये किया जाएगा. इसके अतिरिक्त प्रति किलोमीटर किराये में भी 15 प्रतिशत तक वृद्धि की मांग की जाएगी. यह प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा जाएगा”.
इसी तरह का प्रस्ताव एचआरटीसी की टैक्सी के लिए भी लिया गया था और आज सरकार ने इसे लागू कर दिया है. सरकार का यह निर्णय बहुत निराशाजनक है. सुक्खू सरकार सत्ता में आने के बाद से ही जनविरोधी निर्णय ले रही है. कभी कूकर का किराया वसूलती है तो कभी हीटर और दवा के बैग का. एचआरटीसी की फ्रेट पॉलिसी की पहले ही आलोचना हो चुकी है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार सत्ता में आने के बाद ही पहले डीजल का दाम बढ़ाकर आम आदमी के लिए मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी. डीजल के दाम पर बहुत चीजें निर्भर करती हैं, महंगाई पर यह सीधा असर डालती हैं. लेकिन सत्ता में आने और आपदा के दौरान दो बार में डीजल पर छह रुपए का वैट बढ़ा चुकी है. जिसका असर प्रदेश के आम लोगों पर पड़ा है. प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद से जनता के खिलाफ काम कर रही है. डीजल के अलावा, बिजली और पानी की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि की है, जिससे आम आदमी का जीवन दुश्वार हुआ है। अब सरकार बसों का किराया बढ़ाने की योजना बना रही है जो प्रदेश के लोगों के लिए किसी भी हाल में सही नहीं है.
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रस्ताव से प्रदेश के हर परिवार पर हजारों रुपए का बोझ पड़ेगा. इसलिए सरकार एचआरटीसी को प्रदेश के लोगों को परेशान करने का साधन बनाने की बजाय लोक कल्याण का साधन बनाए. मेरा सरकार से आग्रह है कि वह टैक्सी के बढ़े हुए किराए वापस ले और बसों का किराया बढ़ाने का विचार छोड़े. इसके साथ ही सरकार विधानसभा चुनाव पूर्व दी गई गारंटियों को गंभीरता से लागू करने के लिए काम करे, क्योंकि सुक्खू सरकार ने दस में से एक भी गारंटी को पूरा नहीं किया है.
ये भी पढ़ें:एचआरटीसी की टैक्सियों में बढ़ा किराया, अब शिमला वासियों को चुकाने होंगे इतने रुपये