शिमला:हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की शुरुआत आज राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल के अभिभाषण के साथ हुई. अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने सुक्खू सरकार के एक साल की उपलब्धि और आगामी नीतियों को सदन में रखा. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार का एक दस्तावेज होता है, जिसमें सरकार के कार्यक्रमों और उपलब्धियों का जिक्र होता है. वह वर्षों से विधानसभा में है, लेकिन पहली बार इतना निराशाजनक बजट अभिभाषण रहा.
एक घंटे से ज्यादा लंबे अभिभाषण में सरकार की एक भी उपलब्धि का जिक्र नहीं दिखा. सरकार को 14 महीनों से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन बजट अभिभाषण में गारंटियों का जिक्र तक नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की गारंटियों को पूरा करने की न तो स्थिति में है और न ही उनकी ऐसी कोई मंशा है. ऐसे में अब अब गारंटियों का जिक्र भी नहीं किया जा रहा. सुक्खू सरकार ने हिमाचल को हरित राज्य बनाने जैसे कार्यक्रमों का जिक्र किया, लेकिन अब तक जमीनी स्तर पर योजनाएं नजर नहीं आती.
जयराम ठाकुर ने कहा सरकार खुद को कर्मचारी हितैषी बताती है, लेकिन जो पेंशनरों को ओपीएस के तहत वेतन की आधी राशि मिलती थी, उसे घटाकर 30 प्रतिशत लाने की बात हो रही है. यही नहीं सरकार के कर्मचारियों को वेतन के लिए धरने पर बैठना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार कैसे कर्मचारी हितेषी हुई.