नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में निशाना साधा और देश की सबसे पुरानी पार्टी को सलाह दी कि वे दूसरों को कमजोर करने की कोशिश करने के बजाय अपनी ताकत बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करें.
पीएम मोदी ने राज्यसभा में कहा, "बिना मांगे सलाह दे रहा हूं, कांग्रेस अपनी लकीर बड़ी करने की सोचे न कि दूसरों की लकीर छोटी करने की. अगर ऐसा करेंगे तो शायद जनता आपको भी यहां 10 मीटर चलके आने का मौका देगी."
'राजनीतिक आधार मजबूत करे कांग्रेस'
बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस अपना ध्यान आत्म-सुधार पर केंद्रित करे और अपना राजनीतिक आधार मजबूत करे, तो स्वाभाविक रूप से उसके सत्ता में लौटने की संभावना बढ़ जाएगी.
प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब दे रहे थे. संसद के ऊपरी सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष पर भारत में जाति आधारित विभाजन का माहौल बनाने का आरोप भी लगाया.
'जाति आधारित विभाजन फैलाने की कोशिश'
उन्होंने कहा, "आज समाज में जाति आधारित विभाजन फैलाने की कोशिश की जा रही है. कई सालों से विभिन्न दलों के ओबीसी सांसद ओबीसी पैनल को संवैधानिक दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, उनकी मांग को खारिज कर दिया गया, क्योंकि यह उनके (कांग्रेस) राजनीतिक हितों के अनुरूप नहीं था, लेकिन हमने इस पैनल को संवैधानिक दर्जा दिया."
'कांग्रेस बाबा साहब को नापसंद करती है'
इस बीच प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर बीआर अंबेडकर के साथ बुरा व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि समाज सुधारक के प्रति पार्टी की नापसंदगी दस्तावेजों में मौजूद है. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस उन्हें (आंबेडकर) को कितना नापसंद करती थी और बाबा साहब ने जो कुछ भी कहा, उससे कांग्रेस नाराज हो जाती थी.
उन्होंने कहा कि उनसे (कांग्रेस) सबका साथ सबका विकास की उम्मीद करना बहुत बड़ी भूल है... यह उनकी सोच से परे है और यह उनके रोडमैप के अनुकूल नहीं है.