शिमला: हाल ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जेओए-आईटी क्लर्क और रिपोर्टर की भर्तियों का रिजल्ट जारी किया गया था. रिजल्ट के बाद भर्तियों की सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई थी. बीजेपी ने भी भर्तियों में धांधली के आरोप लगाए थे. साथ ही शिक्षित बेरोजगार संघ ने इन भर्तियों के खिलाफ कोर्ट जाने की चुनौती दी है. इन भर्तियों को विधानसभा ने अपने स्तर पर आयोजित करवाया था.
सोशल मीडिया पर कई लोगों ने दावा किया कि विधानसभा में चेहतों को नौकरियां दी गई. बीजेपी विधायक ने भी प्रेस वार्ता में आरोप लगाया था कि 14 पदों में से चंबा और हमीरपुर के पांच-पांच, सिरमौर के दो से तीन लोगों को नौकरियां दी गई. बता दें कि हमीरपुर सीएम सुक्खू, चंबा विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया, सिरमौर विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार का गृह जिला है.
बीजेपी ने विधानसभा की नौकरियों में धांधली और बंदरबांट के आरोप लगाए थे. बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, 'विधानसभा में हुई भर्तियों में जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया गया है. इन भर्तियों में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के चहेतों को नौकरी दी गई. किसी के ड्राइवर तो किसी के मीडिया इंचार्ज के बेटों को नौकरी मिली. इन भर्तियों को रद्द किया जाए और इन पदों पर पुनः भर्ती की जाए. नौकरी में हुई धांधली की जांच होनी चाहिए और मुख्यमंत्री को जिस एजेंसी पर विश्वास हो उससे जांच करवा लें.'
विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि, 'रणधीर शर्मा ने प्रेसवार्ता करके मुझ पर चेहतों को भर्ती करने के आरोप लगाए हैं. मैं चैलेंज करता हूं कि अगर भाजपा आरोपों को साबित कर दे तो मैं उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूंगा. मेरा दूर दूर तक भी भर्ती हुए किसी व्यक्ति से कोई रिश्ता, जान पहचान या कोई संबंध नहीं है. भाजपा के समय में सबोर्डिनेट सिलेक्शन बोर्ड में धांधलियां हुई थी. यहां तक कि पेपरों को बेचा गया था. सरकार को इस सबोर्डिनेट सिलेक्शन बोर्ड को बंद करना पड़ा था. जिस कारण परीक्षा लंबित हुई थी. ऐसे में युवाओं को समय पर रोजगार मिले, इसके हमारी सरकार ने सभी रिजल्ट आउट किए हैं. इसी तरह से विधानसभा में भी रिजल्ट लंबित था. हमने इस रिजल्ट को पारदर्शिता के साथ और मेरिट के आधार पर निकाला है. इस तरह से सभी नियुक्तियां मेरिट के आधार पर हुई हैं.'
नौकरियों में पारदर्शिता बरतने का दावा करने वाली सुक्खू सरकार विधानसभा भर्ती के नतीजे आने के बाद लोगों और विपक्ष के निशाने पर आ गई है. विपक्ष इस मुद्दे को बजट सत्र में जोर शोर से उठाने की तैयारी में है और इस मुद्दे पर विपक्ष हंगामा कर सकता है.