शिमला: हिमाचल विधानसभा में नियुक्तियों का मामला सियासी सुर्खियों में आ गया है. भाजपा ने कांग्रेस पर विधानसभा में चहेतों को नौकरियां देने का आरोप लगाते हुए इन भर्तियों को रद्द करने की मांग की है. विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
बीजेपी विधायक रणधीर शर्मा ने प्रेसवार्ता करके विधानसभा उपाध्यक्ष व बीजेपी के अन्य नेताओं पर चहेतों की भर्ती करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा "मुझ पर तीन लोगों को लगाए जाने के आरोप लगाए गए हैं. मैं बीजेपी को चैलेंज करता हूं कि अगर भाजपा आरोपों को साबित कर दे तो मैं उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दूंगा." विनय कुमार ने कहा मेरा दूर-दूर तक भर्ती हुए किसी भी व्यक्ति से कोई रिश्ता या जान पहचान नहीं है.
भाजपा के समय में हुई धांधलियां
विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार ने कहा भाजपा अपने कार्यकाल को भी देख ले. पूर्व बीजेपी सरकार में सबोर्डिनेट सिलेक्शन बोर्ड में धांधलियां हुई थीं. यहां तक कि पेपरों को बेचा गया था जिसके बाद सरकार को सबोर्डिनेट सिलेक्शन बोर्ड को बंद करना पड़ा जिस कारण परीक्षाएं लंबित हुईं थी. युवाओं को समय पर रोजगार मिले, इसके लिए हमारी सरकार ने सभी रिजल्ट आउट किए हैं..
विधानसभा में मेरिट के आधार पर हुई भर्ती
विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा "विधानसभा में जो भी भर्तियां हुई हैं. वे मेरिट के आधार पर हुई हैं. भर्तियों में पूरी तरह से पारदर्शिता बरती गई है."
ये था मामला
भाजपा नेता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिवालय में दो अलग-अलग अधिसूचना जारी करके 14 लोगों को नियुक्ति देने को लेकर धांधलियों के आरोप लगाए थे जिसमें सिरमौर जिला से भी नियुक्तियों को लेकर विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार को घेरा गया था. भाजपा ने इन भर्तियों में धांधली होने का आरोप लगाते हुए इन्हें रद्द करने की मांग की थी. यही नहीं रणधीर शर्मा ने भर्तियों की जांच करने की भी मांग की थी. उन्होंने कहा था कि इन नियुक्तियों को रद्द करके पारदर्शिता के आधार पर यह पद भरे जाने चाहिए.
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