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जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई, 122 क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द, मरीजों के लिए ये है गाइडलाइन - MP Health Department action - MP HEALTH DEPARTMENT ACTION

जबलपुर में 122 क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों व उनके परिजनों को सलाह दी है कि केवल रजिस्टर्ड क्लीनिक में ही इलाज कराएं. क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन डॉक्टर और मरीज दोनों के लिए लाभप्रद है.

jabalpur clinics registration canceled
जबलपुर में 122 क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 4, 2024, 12:49 PM IST

जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई

जबलपुर।जबलपुर में स्वास्थ्य विभाग में 122 डॉक्टरों की क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है. क्योंकि इन डॉक्टर्स ने अपनी क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए नए सिरे से कोई आवेदन नहीं किया. जबलपुर संभाग के संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ.संजय मिश्रा का कहना है कि बिना रजिस्ट्रेशन की क्लीनिक चलाना गैरकानूनी है. इससे डॉक्टर और मरीज दोनों का नुकसान होता है. गौरतलब है कि कानून में इस बात का प्रावधान है कि कोई भी आदमी किसी भी पद्धति से किसी का इलाज कर रहा है तो उसे अपनी अस्पताल, क्लीनिक या नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है. रजिस्ट्रेशन जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के यहां करवाना होता है. इस दायरे में नर्सिंग होम, पैथोलॉजी, क्लीनिक सभी आते हैं.

किस आधार पर होता है क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ.संजय मिश्रा का कहना है कि जबलपुर में अभी 670 क्लीनिक रजिस्टर्ड थे. लेकिन 31 मार्च की स्थिति में इनमें से 122 क्लिनिक का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्टर की डिग्री, क्लीनिक का एड्रेस प्रूफ, क्लीनिक का नक्शा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑफिस से एनओसी, बायोलॉजिकल वेस्ट डिस्पोज आफ करने वाली संस्था का सर्टिफिकेट देना होता है. मात्र 750 सौ रुपए में क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन होता है. जिसमें 3 साल तक कोई भी डॉक्टर इलाज कर सकता है.

क्यों जरूरी होता है क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन

किसी भी क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन मरीज और डॉक्टर दोनों के फायदे के लिए है. यदि गलती से किसी मरीज को गलत इलाज की वजह से कोई बड़ा नुकसान हो जाता है या उसकी जान चली जाती है. ऐसी स्थिति में यदि क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन है तो डॉक्टर को कानूनी मदद मिल सकती है. वहीं मरीज के लिए बीमा से जुडे़ क्लैम पाने में सरलता होती है. यदि किसी ऐसे डॉक्टर के यहां अपने इलाज करवाया है, जिसकी क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन नहीं है तो डॉक्टर को भी सजा हो सकती है और मरीज को भी कोई मुआवजा मिलने की स्थिति नहीं बन पाती है.

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झोलाछाप डॉक्टरों का जाल खत्म करने का प्रयास

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त संचालक डॉ.संजय मिश्रा का कहना है कि अभी भी कई बड़े डॉक्टर लंबे समय से बिना रजिस्ट्रेशन के क्लीनिक चला रहे हैं. जबलपुर में बहुत से डॉक्टर ने अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है. इसलिए डॉ. संजय मिश्रा का कहना है कि अभी भी वे ऑनलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं और रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. एक बार सभी सही डिग्री वाले डॉक्टर रजिस्ट्रेशन करवा लेते हैं तो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम चलाने में सरकार को सरलता होगी.

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