नई दिल्ली : नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की पृष्ठभूमि में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इसमें ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई है.
यह याचिका अधिवक्ता विशाल तिवारी ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि जहां भी बड़ी भीड़ जमा होती है, वहां भगदड़ की घटनाएं आम हो गई हैं. बता दें कि 15 फरवरी, 2025 की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और पंद्रह लोग घायल हो गए थे. भगदड़ से पहले प्रयागराज के लिए ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 12 और 14 पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है.
याचिका में पिछले साल उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई भगदड़ का हवाला दिया गया था, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे और बाद में 29 जनवरी, 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ में हुई भगदड़ में करीब 30 लोगों की मौत हो गई थी. याचिका में केंद्र और राज्यों को एक विशेषज्ञ समिति गठित करके समन्वय और सामूहिक रूप से काम करने का निर्देश देने की मांग की गई थी, जो भगदड़ की घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश और उपाय तय करेगी.
याचिका में भारतीय रेलवे को रेलवे स्टेशनों और प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए कॉरिडोर को चौड़ा करके, बड़े ओवरब्रिज और प्लेटफ़ॉर्म बनाकर, रैंप और एस्केलेटर के ज़रिए प्लेटफ़ॉर्म तक आसान पहुंच सुनिश्चित करके उपाय करने का निर्देश देने की मांग की गई थी. इसके अलावा व्यस्त समय के दौरान आगमन या प्रस्थान प्लेटफॉर्म में किसी भी तरह के बदलाव से सख्ती से बचा जाना चाहिए.
याचिका में केंद्र और राज्यों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 2014 में "कार्यक्रमों और सामूहिक समारोहों के स्थानों पर भीड़ का प्रबंधन” शीर्षक से बनाई गई रिपोर्ट के कार्यान्वयन और विचार के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी.
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