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बेंगलुरु और पुणे छोड़ना चाहते हैं युवा आईटी इंजीनियर्स, जबलपुर का जादू या है कोई और वजह - IT engineers leave Bangalore Pune

जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए कई उद्योगपति पहुंचे. जहां सिंगापुर के उद्योगपति केतन वर्मा ने कहा कि जब तक राज्य सरकार स्थानीय कंपनियों को सरकारी प्रोजेक्ट नहीं देगी, तब तक मध्य प्रदेश में आईटी इंडस्ट्री नहीं पनप सकती.

IT ENGINEERS LEAVE BANGALORE PUNE
आईटी हब बनता मध्य प्रदेश (ETV Bharat Graphics)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 25, 2024, 12:16 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 1:33 PM IST

जबलपुर: सिंगापुर में आईटी कंपनी चलाने वाले निवेशक का कहना है कि जब तक राज्य सरकार स्थानीय कंपनियों को सरकारी प्रोजेक्ट नहीं देगी, तब तक मध्य प्रदेश में आईटी इंडस्ट्री नहीं पनप सकती. सिंगापुर में सरकार छोटी कंपनियों को काम देती है, इसलिए सिंगापुर में नई आईटी कंपनियां पनप रही हैं. केवल जगह उपलब्ध करवा देने से आईटी इंडस्ट्री नहीं पनप सकती.

मध्य प्रदेश बनेगा नया आईटी हब (ETV Bharat)

जबलपुर में बड़ी कंपनियां नहीं खोल रही हैं ऑफिस
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर के सुभाष चंद्र बोस कल्चर एंड इंफॉर्मेशन सेंटर को आईटी डिपार्टमेंट को दे दिया है और इस इमारत में एक नया आईटी पार्क खोला जाएगा. जबलपुर में इस इमारत के अलावा भी लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में एक आईटी पार्क बनाया गया है, लेकिन इसके बाद भी जबलपुर में बड़ी कंपनियां अपने ऑफिस नहीं खोल रही हैं. बरगी हिल्स में आईटी पार्क की पहली इमारत आज से लगभग 5 साल पहले बनकर तैयार हो गई थी और इस इमारत में छोटी-छोटी कई कंपनियां काम कर रही हैं, लेकिन अभी भी जबलपुर में किसी बड़ी कंपनी ने निवेश नहीं किया है.

जबलपुर में बड़ी कंपनियां नहीं खोल रही हैं ऑफिस (ETV Bharat)

उद्योगपति ने सरकार से की ये मांग
जबलपुर में केवल पेटीएम ने अपना निवेश किया था, लेकिन बीते दिनों पेटीएम का कारोबार कम होने की वजह से दूसरी कोई बड़ी कंपनी यहां नहीं आई. जबलपुर के इस आईटी पार्क में कई छोटी कंपनियां काम कर रही हैं. हालांकि इन कंपनियों के काम करने के बाद भी जबलपुर आईटी हब नहीं बन पाया है. इसी आईटी पार्क में अभी भी नई इमारते बनाई जा रही हैं. जबलपुर की रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में हिस्सा लेने के लिए सिंगापुर से जबलपुर आए केतन वर्मा ने बताया कि वह सिंगापुर में अपनी एक आईटी कंपनी चलाते हैं. उनका कहना है कि उनके कई साथी पुणे और बेंगलुरु में काम कर रहे हैं. पुणे और बेंगलुरु की लिविंग कॉस्ट बहुत अधिक हो गई है और यह दोनों ही शहर ओवर सैचुरेटेड हो गए हैं और यहां के युवा इंजीनियर बैंगलोर और पुणे छोड़कर दूसरे शहर जाना चाहते हैं, लेकिन अभी कंपनियों को ऐसा कोई नया शहर नहीं मिला है, जहां जाकर अपना कारोबार शुरू कर सकें.

छोटी कंपनियों को मिलें सरकारी प्रोजेक्ट
केतन वर्मा ने आगे कहा कि ''जब तक राज्य सरकार खुद अपने स्तर पर छोटे-छोटे प्रोजेक्ट छोटी कंपनियों को नहीं देंगी, तब तक नई कंपनियां नहीं बन सकती. उन्होंने सिंगापुर का उदाहरण देते हुए बताया कि, ''सिंगापुर में सरकार अपना 50% काम नई और छोटी कंपनियों को देती है. इससे छोटी कंपनियां स्थापित हो जाती हैं और इसके बाद उन्हें बड़े प्रोजेक्ट मिलने लगते हैं, लेकिन इसके लिए सरकार को छोटी कंपनियों को प्रोजेक्ट देना जरूरी है.'' मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि, ''वह मध्य प्रदेश में आईटी पार्क बनाना चाहते हैं, लेकिन प्रोजेक्ट को लेकर सरकार कोई गारंटी नहीं दे सकती.''

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बड़ी कंपनियों को सरकार दे रही है काम
मध्य प्रदेश सरकार कई आईटी कंपनियों को पहले से काम दे रही है, लेकिन यह ज्यादातर बड़ी कंपनियां हैं. सरकार की तमाम ऑनलाइन सेवाएं कई निजी आईटी कंपनियां संभाले हुए हैं. मसलन मध्य प्रदेश सरकार की एमपी ऑनलाइन सेवा टीसीएस कंपनी की मदद से चलाया जा रहा है. वहीं मध्य प्रदेश के कई विभागों में कई ऑनलाइन सेवाएं चलती हैं, जिनमें बड़ी कंपनियों को काम दिया जा रहा है. यदि यही काम स्थानीय कंपनियों को दिया जाएगा तो मध्य प्रदेश में भी आईटी इंडस्ट्री धीरे-धीरे पनपना शुरू हो जाएगी. आईटी इंडस्ट्री एक सरल और छोटी इंडस्ट्री है, लेकिन केवल जगह उपलब्ध करवा देने से आईटी इंडस्ट्री नहीं पनप सकती. जब तक आईटी इंडस्ट्री में काम करने वाले युवा इंजीनियर को काम नहीं मिलेगा तब तक इस इंडस्ट्री के विकसित होने की संभावना नहीं है.

Last Updated : Jul 25, 2024, 1:33 PM IST

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