मोटर व्हीकल एक्ट मामले में हुई मुख्य सचिव की बैठक का ब्यौरा पेश करें, हाईकोर्ट ने दिया ये आदेश - mp highcourt jabalpur
Jabalpur highcourt on motor vehicle act : मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन सुनिश्चित किए जाने की याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही है. इसी बीच कोर्ट ने सरकार से मुख्य सचिव की बैठक का ब्यौरा मांग लिया है.
मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर मुख्य सचिव की बैठक का ब्यौरा पेश करें
जबलपुर. हाईकोर्ट में मोटर व्हीकल एक्ट (Motor vehicle act) का परिपालन निश्चित रूप से प्रदेश में लागू किए जाने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी. याचिका की सुनवाई के दौरान मप्र सरकार की ओर से बताया गया कि इस संबंध में 5 फरवरी को मुख्य सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे. इसके अलावा संबंधित विभाग अपने स्तर पर कार्रवाई कर रहा है. इसपर जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur highcourt) के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक और कार्रवाई का ब्यौरा पेश करने के आदेश दिए हैं.
पहले ग्वालियर हाईकोर्ट में लगी थी जनहित याचिका
दरअसल, ऐश्वर्या शांडिल्य नाम की एक छात्रा ने सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर इस याचिका को सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में ट्रांसफर कर दिया गया. याचिका में कहा गया था कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है.
नहीं हो रहा ट्रैफिक नियमों का पालन
याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी थे. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने और फोर व्हीलर्स में सीट बेल्ट लगाने का नियम है, जिसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है। मोटर व्हीकल एक्ट में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आएगी. इसी याचिका पर कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है और सरकार पर कई बार नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को फटकार भी लगाई है.
कोर्ट द्वारा दी गई निर्धारित समय सीमा में मोटर व्हीकल एक्ट में दिए गए प्रावधानों का सख्ती से पालन नहीं होने पर हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त और एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में उन्हें शो-कॉज नोटिस जारी किए थे. पिछली सुनवाई के दौरान दोनों अधिकारियों की तरफ से शो-कॉज नोटिस का जवाब पेश किया गया था. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक और कार्रवाई का ब्यौरा पेश करने समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने अगली सुनवाई 19 फरवरी को निर्धारित करते हुए यह आदेश जारी किया.