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इंदौर की अंकिता और जबलपुर के हसनैन की शादी पर MP हाई कोर्ट का बड़ा फैसला - ANKITA AND HASNAIN MARRIAGE

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर ने हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की शादी और सुरक्षा को लेकर अहम आदेश सुनाया है.

Ankita and Hasnain marriage
इंदौर की अंकिता और जबलपुर के हसनैन की शादी (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 11 hours ago

जबलपुर : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत तथा जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने इंदौर की अंकिता राठौर और जबलपुर के हसनैन अंसारी को विशेष विवाह अधिनियम के तहत राहत प्रदान की है. कोर्ट ने दोनों को विवाह करने की अनुमति दे दी है. युगलपीठ ने आदेश में कहा है "दोनों का विवाह निर्विवाद सम्पन्न कराया जाये. विवाह के बाद उन्हें एक माह तक सुरक्षा प्रदान की जाये." हाई कोर्ट ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक को उनकी सुरक्षा के संबंध में भी आदेश दिया गया है.

विशेष विवाह अधिनियम के तहत सुनाया फैसला

युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अपील खारिज करते हुए आदेश में कहा "विशेष विवाह अधिनियम की धारा 4 के तहत प्रत्येक जोड़े को धर्म, जाति या समुदाय के बावजूद विवाह करने का संवैधानिक अधिकार है. विशेष विवाह अधिनियम के लिए पर्सनल लॉ एक्ट बंधनकारी नहीं है." युगलपीठ ने कहा है कि शादी में कोई बाधा नहीं आनी चाहिए. शादी का विरोध करने वालों के खिलाफ विधि अनुसार सख्त कार्रवाई की जाये. पुलिस को शादी के एक महीने बाद तक सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया. कोर्ट ने विवाह रजिस्ट्रार को बिना किसी देरी या रुकावट के शादी को आगे बढ़ाने का भी निर्देश दिया.

लड़की पक्ष व धार्मिक संगठन का विरोध

गौरतलब है कि इंदौर निवासी अंकिता ठाकुर तथा सिहोरा निवासी हसनैन अंसारी ने पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह के लिए कलेक्टर जबलपुर कार्यालय में आवेदन किया था. इसके बाद से लड़की पक्ष तथा धार्मिक संगठन के लोग विरोध कर रहे हैं. इस कारण दोनों को अपनी जान का खतरा है. एकलपीठ को बताया गया था कि दोनों के बीच विगत 4 साल से प्रेम संबंध हैं. वे दोनों एक साल से लिव-इन-रिलेशनशिप में हैं. दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं.

जबलपुर एसपी को सुरक्षा देने के निर्देश

एकलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए आदेश में कहा कि याचिकाकर्ताओं को खतरा है. इसलिए पुलिस अधीक्षक जबलपुर उन्हें सुरक्षा प्रदान करें. पुलिस उसे जबलपुर स्थित राजकुमार बाई बाल निकेतन में रखे. लड़की को पुलिस सुरक्षा में विशेष विवाह अधिनियम के तहत बयान दर्ज करवाने कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत किया जाये. इस दौरान वह हसनैन से विवाह करने के संबंध में विचार कर सकती है. इस दौरान हसनैन या उसके परिवार वाले उससे संपर्क नहीं करेंगे.

विरोध में दायर याचिका में क्या हवाला दिया था

बता दें कि एकलपीठ के आदेश तथा विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की कार्रवाई रोकने के लिए लड़की के पिता ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए अपील में कहा गया था कि विशेष विवाह अधिनियम के तहत हुआ विवाह भी मुस्लिम एक्ट के तहत मान्य नहीं होगा. मुस्लिम समाज में अग्नि व मूर्ति पूजन करने वालों से विवाह मान्य नहीं है. मुस्लिम एक्ट में 4 विवाह को मान्यता है, जबकि हिन्दू मैरिज एक्ट में सिर्फ एक विवाह को मान्यता है.

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